महान व्यक्तित्व >> तात्या टोपे तात्या टोपेकपिल
|
4 पाठकों को प्रिय 215 पाठक हैं |
तात्या टोपे के जीवन पर आधारित पुस्तक....
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
तात्या टोपे
तात्या टोपे सन् 1857 के विद्रोह के एक महान सेनानी थे। वे पेशवा बाजीराव
द्वितीय के दत्तक पुत्र नाना साहब के यहाँ लिपिक थे। तात्या और नाना
बालसखा भी थे। तात्या टोपे अपनी साधारण वीरता और रण कौशल के कारण एक
सामान्य लिपिक के पद से उठकर नाना साहब की सेना के नायक पद तक पहुँचे।
वे मराठा सेनानायकों की कुशल युद्ध नीति (छापा मार युद्ध पद्धति) में अत्यंत सिद्ध होने के साथ-साथ शिवाजी महाराज की गुरिल्ला य़ुद्ध नीति के भी अप्रतिम सेनानी माने जाते थे। उनके अत्यंत कुशल शैन्य-नेतृत्व का पता इससे भी चलता है कि जिन अंग्रेजों को उन्होंने जीवन भर लोहे के चने चबवाए, वे भी उनके रण कौशल की प्रशंसा करने से स्वयं को रोक नहीं पाते थे।
तात्या टोपे जन्म सन् 1814 में नासिक के निकट पटौदा जिले के येवला नामक गाँव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री पांडुरंग पंत था। वे शास्त्रोक्त कर्मकांड में कुशल विद्वान पुरोहित थे। समाज में उनका बड़ा आदर-सम्मान था। तात्या टोपे उनके ज्येष्ठ पुत्र थे तात्या का वास्तविक नाम रामचंद्र पांडुरंग येवलकर था।
वे मराठा सेनानायकों की कुशल युद्ध नीति (छापा मार युद्ध पद्धति) में अत्यंत सिद्ध होने के साथ-साथ शिवाजी महाराज की गुरिल्ला य़ुद्ध नीति के भी अप्रतिम सेनानी माने जाते थे। उनके अत्यंत कुशल शैन्य-नेतृत्व का पता इससे भी चलता है कि जिन अंग्रेजों को उन्होंने जीवन भर लोहे के चने चबवाए, वे भी उनके रण कौशल की प्रशंसा करने से स्वयं को रोक नहीं पाते थे।
तात्या टोपे जन्म सन् 1814 में नासिक के निकट पटौदा जिले के येवला नामक गाँव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री पांडुरंग पंत था। वे शास्त्रोक्त कर्मकांड में कुशल विद्वान पुरोहित थे। समाज में उनका बड़ा आदर-सम्मान था। तात्या टोपे उनके ज्येष्ठ पुत्र थे तात्या का वास्तविक नाम रामचंद्र पांडुरंग येवलकर था।
|
अन्य पुस्तकें
लोगों की राय
No reviews for this book