महान व्यक्तित्व >> मार्शल अर्जन सिंह मार्शल अर्जन सिंहमनीष कुमार
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प्रस्तुत है मार्शल अर्जन सिंह के जीवन पर आधारित पुस्तक...
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
मार्शल अर्जन सिंह
भारतीय वायु सेना के गौरव एयर मार्शल अर्जन सिंह का जन्म 15 मई, 1919 को
पंजाब के लायलपुर नामक स्थान में हुआ था। वर्तमान में लायलपुर पाकिस्तान
में है और इसे फैसलाबाद के नाम से जाना जाता है।
अर्जन सिंह किसान परिवार से संबंध रखते थे। उनका बचपन हरे-भरे खेतों के बीच बीता। किसान-पुत्र होने के कारण उनका गाँव की मिट्टी से गहरा लगाव था।
अर्जन सिंह की प्रारम्भिक शिक्षा लायलपुर में हुई। उन्होंने मांटगोमरी के एक स्कूल में मैट्रिक की परीक्षा पास की। पढ़ाई के साथ-साथ वह एक अच्छे खिलाड़ी भी थे। अपने विद्यालय में एथलेटिक्स में वह सदा आगे रहते थे। उन्होंने कई बार राज्य स्तरीय स्कूली खेल स्पर्धा में भाग लिया। एक बार उन्होंने चक्का फेंक (डिस्कस थ्रो) में पंजाब राज्य की ओर से रिकार्ड बनाया। इससे उनके नाम के साथ-साथ उनके स्कूल का नाम भी पूरे पंजाब में प्रसिद्ध हो गया।
स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्हें लाहौर के गवर्नमेंट कॉलेज में सरलता से प्रवेश मिल गया। अच्छा छात्र और प्रतिभावान् खिलाड़ी होने के कारण उन्हें प्रवेश मिलने में कोई कठिनाई नहीं हुई। कॉलेज जीवन में उनकी खेल प्रतिभा में ज्यादा निखार आने लगा था। वह एथलेटिक्स के अलावा तैराकी व कबड्डी आदि के भी लोकप्रिय खिलाड़ी बन गए थे।
अर्जन सिंह किसान परिवार से संबंध रखते थे। उनका बचपन हरे-भरे खेतों के बीच बीता। किसान-पुत्र होने के कारण उनका गाँव की मिट्टी से गहरा लगाव था।
अर्जन सिंह की प्रारम्भिक शिक्षा लायलपुर में हुई। उन्होंने मांटगोमरी के एक स्कूल में मैट्रिक की परीक्षा पास की। पढ़ाई के साथ-साथ वह एक अच्छे खिलाड़ी भी थे। अपने विद्यालय में एथलेटिक्स में वह सदा आगे रहते थे। उन्होंने कई बार राज्य स्तरीय स्कूली खेल स्पर्धा में भाग लिया। एक बार उन्होंने चक्का फेंक (डिस्कस थ्रो) में पंजाब राज्य की ओर से रिकार्ड बनाया। इससे उनके नाम के साथ-साथ उनके स्कूल का नाम भी पूरे पंजाब में प्रसिद्ध हो गया।
स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्हें लाहौर के गवर्नमेंट कॉलेज में सरलता से प्रवेश मिल गया। अच्छा छात्र और प्रतिभावान् खिलाड़ी होने के कारण उन्हें प्रवेश मिलने में कोई कठिनाई नहीं हुई। कॉलेज जीवन में उनकी खेल प्रतिभा में ज्यादा निखार आने लगा था। वह एथलेटिक्स के अलावा तैराकी व कबड्डी आदि के भी लोकप्रिय खिलाड़ी बन गए थे।
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