भाषा एवं साहित्य >> घाघ और भड्डरी की कहावतें घाघ और भड्डरी की कहावतेंदेवनारायण द्विवेदी
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घाघ और भड्डरी में दैवी प्रतिभा थी। उनकी जितनी कहावतें हैं, सभी प्रायः अक्षरशः सत्य उतरती हैं।
खाय के मूतै सोवै बाँऊ, काहे वैद बसावे गाऊँ।।
भोजन करने के बाद पेशाब करके बांयें करवट सोने से स्वास्थ्य ठीक रहता है।
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