भाषा एवं साहित्य >> घाघ और भड्डरी की कहावतें घाघ और भड्डरी की कहावतेंदेवनारायण द्विवेदी
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घाघ और भड्डरी में दैवी प्रतिभा थी। उनकी जितनी कहावतें हैं, सभी प्रायः अक्षरशः सत्य उतरती हैं।
चार छावै छः निरावै, तीन खाट दो बाट।
छप्पर छाने के लिये चार आदमी चाहिये। खेत निराने
के लिए छः, खाट बुनने के लिए तीन और मार्ग में चलने के लिये दो आदमी हों
तो उत्तम है।
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