भाषा एवं साहित्य >> घाघ और भड्डरी की कहावतें घाघ और भड्डरी की कहावतेंदेवनारायण द्विवेदी
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घाघ और भड्डरी में दैवी प्रतिभा थी। उनकी जितनी कहावतें हैं, सभी प्रायः अक्षरशः सत्य उतरती हैं।
माघ के ऊमस जेठ क जाड़, पहिला वर्षा भरिगे ताल।
कहैं घाघ हम होई बियोगी, कुआँ खोदि के धोइहैं धोबी।।
यदि माघ के महीने में जाड़े के बजाय गर्मी पड़े और जेठ में गर्मी की जगह
जाड़ा पड़े व पहिली वर्षा से तालाब भर जाय, तो समझ लेना चाहिए कि इस वर्ष
सूखा पड़ेगा। यहाँ तक कि धोबियों को कपड़े धोने को भी जल कुएं से खींचना
होगा।
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