भाषा एवं साहित्य >> घाघ और भड्डरी की कहावतें घाघ और भड्डरी की कहावतेंदेवनारायण द्विवेदी
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घाघ और भड्डरी में दैवी प्रतिभा थी। उनकी जितनी कहावतें हैं, सभी प्रायः अक्षरशः सत्य उतरती हैं।
खेती करै सांझ घर सोवै, काटे चोर हाथ परि रोवै।
जो किसान खेत की रखवाली न करके रात को घर में सोता है उसकी फसल चोर काट ले
जाते हैं। फिर पछताना पड़ता है।
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