भाषा एवं साहित्य >> घाघ और भड्डरी की कहावतें घाघ और भड्डरी की कहावतेंदेवनारायण द्विवेदी
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घाघ और भड्डरी में दैवी प्रतिभा थी। उनकी जितनी कहावतें हैं, सभी प्रायः अक्षरशः सत्य उतरती हैं।
नाटा खोटा बेचि के, चारि धुरन्धर लेहु।
आपन काम बनाय के, औरन मॅगनी देहु।।
छोटे और निकम्मे बहुत से बैलों से तो चार अच्छे बैल रखना सुन्दर है। वे
अपना काम पूरा करके दूसरों के भी काम में मदद दे सकेंगे।
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