भाषा एवं साहित्य >> घाघ और भड्डरी की कहावतें घाघ और भड्डरी की कहावतेंदेवनारायण द्विवेदी
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घाघ और भड्डरी में दैवी प्रतिभा थी। उनकी जितनी कहावतें हैं, सभी प्रायः अक्षरशः सत्य उतरती हैं।
ढिल ढिल बेंट कुदारी, हँस के बोलै नारी।
हँसि के माँगै दामा, तीनों काम निकामा।।
फावड़े का ढीला बॅट, हँसकर बात करने वाली औरत और हँसकर तकाजा करना, ये
तीनों काम बुरे हैं। ये बिगाड़ ही करते हैं बनाव नहीं करते।
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