भाषा एवं साहित्य >> घाघ और भड्डरी की कहावतें घाघ और भड्डरी की कहावतेंदेवनारायण द्विवेदी
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घाघ और भड्डरी में दैवी प्रतिभा थी। उनकी जितनी कहावतें हैं, सभी प्रायः अक्षरशः सत्य उतरती हैं।
सोम शुक्र गुरुवार को, पूस अमावस होय।
घर घर बजे बधावड़ी, दुखी न दीखे कोय।।
यदि सोम, शुक्र या गुरुवार के दिन पूस के महीने की अमावश्या पड़े तो सब
सुखी होंगे। कोई भी दुखी नहीं रहेगा।
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