भाषा एवं साहित्य >> घाघ और भड्डरी की कहावतें घाघ और भड्डरी की कहावतेंदेवनारायण द्विवेदी
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घाघ और भड्डरी में दैवी प्रतिभा थी। उनकी जितनी कहावतें हैं, सभी प्रायः अक्षरशः सत्य उतरती हैं।
एक मास में ग्रहने दोई, तुरतै अन्न महँगे होई।
यदि एक महीने में दो ग्रहण पड़े तो समझना अन्न महंगा होगा।
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