भाषा एवं साहित्य >> घाघ और भड्डरी की कहावतें घाघ और भड्डरी की कहावतेंदेवनारायण द्विवेदी
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घाघ और भड्डरी में दैवी प्रतिभा थी। उनकी जितनी कहावतें हैं, सभी प्रायः अक्षरशः सत्य उतरती हैं।
सब चिन्ता को छाँड़ि कै, करि प्रभु में विश्वास।
वाके थापैं सब थपैं, बिन थापे हो नाश।।
सब चिन्ताओं को छोड़कर भगवान में विश्वास करना चाहिये। उसमें निष्ठा करने
से सब कार्य सिद्ध होता है, बिना उसके सर्वनाश होता है।
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