भाषा एवं साहित्य >> घाघ और भड्डरी की कहावतें घाघ और भड्डरी की कहावतेंदेवनारायण द्विवेदी
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घाघ और भड्डरी में दैवी प्रतिभा थी। उनकी जितनी कहावतें हैं, सभी प्रायः अक्षरशः सत्य उतरती हैं।
सुदी वैशाखी प्रतिप्रदा, बिजुरी नभ के माँहि।
तिय जैहैं गुजरात को, पिय बङ्गाले जाँहि।।
यदि वैशाख सुदी परिवा के दिन आकाश में बादल और बिजली दिखलाई दें तो समझना
चाहिये कि इस वर्ष दुर्मिक्ष पड़ेगा तथा घर त्यागना पड़ेगा।
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