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घाघ और भड्डरी की कहावतें

देवनारायण द्विवेदी

प्रकाशक : डायमंड पॉकेट बुक्स प्रकाशित वर्ष : 2006
पृष्ठ :95
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 3731
आईएसबीएन :81-288-1368-4

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घाघ और भड्डरी में दैवी प्रतिभा थी। उनकी जितनी कहावतें हैं, सभी प्रायः अक्षरशः सत्य उतरती हैं।


आर्द्रा सूखी तीन गये, सन साठी और तूल।
हस्ति न बरसे सब गये, आगिली पिछली भूल।।


आर्द्रा के न बरसने से सन, साठी और कपास की खेती की हानि है। हस्ति के न बरसने से दोनों फसल नष्ट हो जाती है।

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