मनोरंजक कथाएँ >> दुनिया में पहला मकान दुनिया में पहला मकानविजय गुप्ता
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इसमें छोटी-छोटी बाल कहानियों का वर्णन किया गया है।
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
दो शब्द
ये छोटी-छोटी कहानियाँ मैंने बच्चों के कोमल मन में उठने वाले अलग-अलग
विषयों को लेकर लिखी हैं। कहानियाँ पढ़कर बच्चों का मनोरंजन तो होगा ही,
इसके साथ ही वे जीवन का रहस्य भी समझेंगे, यही सोचकर मैंने इन्हें संगृहीत
किया है। ये कहानियाँ बच्चों को कैसी लगीं, पढ़कर इसकी प्रतिक्रिया से वे
मुझे अवश्य अवगत कराएँगे।
एक कहावत प्रचलित है कि प्रत्येक सफल व्यक्ति के पीछे किसी स्त्री का हाथ होता है। मगर मेरी सफलता के पीछे पुरुषों की सहायता का भी महत्त्व कम नहीं रहा।
ये कहानियाँ लिखने की प्रेरणा मुझे जिनसे मिली, वह श्रद्धेय पुरुष श्री शारदा पाठक हैं। प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से इन कहानियों को लिखने में उन्होंने विभिन्न प्रकार से मेरी सहायता की है। उनके प्रति मेरा श्रद्धापूर्वक नमन है।
दूसरे पुरुष हैं मेरे पति श्री ए.एस. गुप्ता, जिन्होंने मेरी इस प्रेरणा को साकार रूप देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह उन्हीं के प्रोत्साहन का परिणाम है कि आज मैं ये कहानियाँ आपके हाथों में सौंप रही हूँ।
अंत में अपनी बेटियों कविता और संगीता तथा बेटे विवेक का भी आभार मानती हूँ, जिन्होंने लेखन के दौरान मेरा साथ दिया।
मेरे माता-पिता तो सदैव से ही मेरे प्रेरणास्रोत्र रहे हैं, मेरे छोटे भाई बृजभूषण ने भी मुझमें कुछ करने की प्रेरणा जागृत की-इन सबका भी आभार।
एक कहावत प्रचलित है कि प्रत्येक सफल व्यक्ति के पीछे किसी स्त्री का हाथ होता है। मगर मेरी सफलता के पीछे पुरुषों की सहायता का भी महत्त्व कम नहीं रहा।
ये कहानियाँ लिखने की प्रेरणा मुझे जिनसे मिली, वह श्रद्धेय पुरुष श्री शारदा पाठक हैं। प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से इन कहानियों को लिखने में उन्होंने विभिन्न प्रकार से मेरी सहायता की है। उनके प्रति मेरा श्रद्धापूर्वक नमन है।
दूसरे पुरुष हैं मेरे पति श्री ए.एस. गुप्ता, जिन्होंने मेरी इस प्रेरणा को साकार रूप देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह उन्हीं के प्रोत्साहन का परिणाम है कि आज मैं ये कहानियाँ आपके हाथों में सौंप रही हूँ।
अंत में अपनी बेटियों कविता और संगीता तथा बेटे विवेक का भी आभार मानती हूँ, जिन्होंने लेखन के दौरान मेरा साथ दिया।
मेरे माता-पिता तो सदैव से ही मेरे प्रेरणास्रोत्र रहे हैं, मेरे छोटे भाई बृजभूषण ने भी मुझमें कुछ करने की प्रेरणा जागृत की-इन सबका भी आभार।
डॉ, (श्रीमती) विजय गुप्ता
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