नाटक एवं कविताएं >> हमारे आदर्श महापुरुष हमारे आदर्श महापुरुषनिरंकार देव सेवक
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भारत के प्रमुख आदर्श महापुरुषों के बारे में कविताएँ...
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
महात्मा गांधी
माँ, मैं गांधी बाबा बनकर
सत्य-अहिंसा का व्रत पालूँ ।
मैं बचपन में राजकोट से
दूर विलायत पढ़ने जाऊँ,
पर अपनी माँ के कहने से
पिऊँ न मदिरा, मांस न खाऊँ ।
ऊँचे आदर्शों के साँचे में
अपने जीवन को ढालूँ
माँ, मैं गांधी बाबा बनकर
सत्य-अहिंसा का व्रत पालूँ ।
सत्य-अहिंसा का व्रत पालूँ ।
मैं बचपन में राजकोट से
दूर विलायत पढ़ने जाऊँ,
पर अपनी माँ के कहने से
पिऊँ न मदिरा, मांस न खाऊँ ।
ऊँचे आदर्शों के साँचे में
अपने जीवन को ढालूँ
माँ, मैं गांधी बाबा बनकर
सत्य-अहिंसा का व्रत पालूँ ।
क्रमशः...
रवीन्द्रनाथ टैगोर
माता, मैं टैगोर बनूँगा ।
मेरे गीत हवा के रथ पर
चढ़कर सिंधु पार जाएँगे
दूर देश से यश-वैभव
ले-ले कर वापस आएँगे ।
गीतांजलि अर्पित कर मैं भी
कवियों का सिरमौर बनूँगा ।
माता, मैं टैगोर बनूँगा ।
मेरे गीत हवा के रथ पर
चढ़कर सिंधु पार जाएँगे
दूर देश से यश-वैभव
ले-ले कर वापस आएँगे ।
गीतांजलि अर्पित कर मैं भी
कवियों का सिरमौर बनूँगा ।
माता, मैं टैगोर बनूँगा ।
क्रमशः...
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