विविध >> कन्या वामा जननी कन्या वामा जननीअरुण कुमार मित्र
|
11 पाठकों को प्रिय 24 पाठक हैं |
महिलाओं के शरीर से जुड़े तमाम वैज्ञानिक तथ्यों की जानकारी देती महत्वपूर्ण पुस्तक...
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
स्वाधीनता के बाद से ही हमारे देश के आर्थिक एवं सामाजिक ढाँचे में व्यापक
परिवर्तन हुआ है। स्त्री शिक्षा का प्रसार एवं स्वाधीनता अब विलास की
वस्तु नहीं है वरन् जीवन के अपरिहार्य अंग बन गये हैं। स्त्री की भूमिका
अब सिर्फ माँ, पत्नी या बेटी के रूप में घर तक सीमित नहीं है, बल्कि
रोजगार के क्षेत्र में भी अब वे समान रूप से आगे आ रही हैं। और इस
परिवर्तन माहौल में महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा ध्यान देने
की जरूरत है। लेकिन उच्च शिक्षित या पढ़ी-लिखी महिलाओं में भी अपने शरीर
और स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा जागरुक नहीं है।
जन्म से शारीरिक लक्षणों में भिन्नता, किशोरावस्था में प्रवेश, यौवनप्राप्ति, विवाह, मातृत्व, शिशुपालन, प्रौढ़ावस्था में प्रवेश, रजोनिवृत्ति एवं प्रजनन क्षमता की परिसमाप्ति-नारी जीवन की इन सभी अवस्थाओं पर विस्तृत जानकारी देने वाली संग्रहणीय पुस्तक है। कन्या वामा जननी !
अपने पेशेवर जीवन में डॉ. मित्र ने इस तरह के स्वास्थ्य के प्रति औरतों को भी लापरवाह पाया है। इसके साथ-ही साथ उन्होंने यह भी देखा कि कुछ महिलाओं में अपने शरीर से जुड़े तमाम वैज्ञानिक तथ्यों को जानने में काफी दिलचस्पी है, और इन्हीं महिलाओं के लिए लिखी गई यह महत्वपूर्ण पुस्तक है।
जन्म से शारीरिक लक्षणों में भिन्नता, किशोरावस्था में प्रवेश, यौवनप्राप्ति, विवाह, मातृत्व, शिशुपालन, प्रौढ़ावस्था में प्रवेश, रजोनिवृत्ति एवं प्रजनन क्षमता की परिसमाप्ति-नारी जीवन की इन सभी अवस्थाओं पर विस्तृत जानकारी देने वाली संग्रहणीय पुस्तक है। कन्या वामा जननी !
अपने पेशेवर जीवन में डॉ. मित्र ने इस तरह के स्वास्थ्य के प्रति औरतों को भी लापरवाह पाया है। इसके साथ-ही साथ उन्होंने यह भी देखा कि कुछ महिलाओं में अपने शरीर से जुड़े तमाम वैज्ञानिक तथ्यों को जानने में काफी दिलचस्पी है, और इन्हीं महिलाओं के लिए लिखी गई यह महत्वपूर्ण पुस्तक है।
|
लोगों की राय
No reviews for this book