अमर चित्र कथा हिन्दी >> शकुन्तला शकुन्तलाअनन्त पई
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शकुन्तला के जीवन पर आधारित पुस्तक.....
Shakuntla A Hindi Book by Anant Pai
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
शकुन्तला
शकुन्तला की कथा सबसे पहले महाभारत के आदि पर्व में आती है, जिसमें महाभारत के प्रमुख पात्रों की वंशावलि प्रस्तुत की गय़ी है। संस्कृत के महान् कवि व नाटककार, कालिदास ने उसमें कुछ परिवर्तन करके फिर उसे लिखा।
शकुन्तला ऋषि विश्वामित्र तथा स्वर्ग की अप्सरा, मेनका, की पुत्री थी। मेनका ने उसे जन्मते ही त्याग दिया था। कण्व ऋषि ने उसे पड़े हुए पाया और पुत्री के रूप में उसका लालन-पालन किया। एक दिन राजा दुष्यन्त ने शिकार करते हुए वन में उसे देखा और उससे विवाह किया और यह वचन देकर लौट गये कि राजधानी में पहुंच कर उसे बुलवा लेंगे। बाद में जब शकुन्तला उसके दरबार में गयी तो राजा ने उसे अंगीकार नहीं किया।
शकुन्तला का कथन अन्त में सत्य निकला और दोनों सुख—पूर्वक जीवन बिताने लगे। कहा जाता है कि उनका पुत्र, भरत, के वंश में ही पाण्डव और कौरवों ने जन्म लिया तथा भरत के ही नाम पर हमारा देश भारत कहलाया।
शकुन्तला ऋषि विश्वामित्र तथा स्वर्ग की अप्सरा, मेनका, की पुत्री थी। मेनका ने उसे जन्मते ही त्याग दिया था। कण्व ऋषि ने उसे पड़े हुए पाया और पुत्री के रूप में उसका लालन-पालन किया। एक दिन राजा दुष्यन्त ने शिकार करते हुए वन में उसे देखा और उससे विवाह किया और यह वचन देकर लौट गये कि राजधानी में पहुंच कर उसे बुलवा लेंगे। बाद में जब शकुन्तला उसके दरबार में गयी तो राजा ने उसे अंगीकार नहीं किया।
शकुन्तला का कथन अन्त में सत्य निकला और दोनों सुख—पूर्वक जीवन बिताने लगे। कहा जाता है कि उनका पुत्र, भरत, के वंश में ही पाण्डव और कौरवों ने जन्म लिया तथा भरत के ही नाम पर हमारा देश भारत कहलाया।
शकुन्तला
स्वर्ग की अप्सरा मेनका अपनी नवजात पुत्री को कण्व ऋषि के आश्रम में छोड़ आयी।
शकुन्त चिड़ियाँ शिशु पर मँडरा रही थीं। उनकी चहचहाट से ऋषि की पूजा भंग हो गयी। ऋषि ने पीछे मुड़ कर देखा तो उन्हें एक कन्या दिखायी दी।
शकुन्त चिड़ियाँ शिशु पर मँडरा रही थीं। उनकी चहचहाट से ऋषि की पूजा भंग हो गयी। ऋषि ने पीछे मुड़ कर देखा तो उन्हें एक कन्या दिखायी दी।
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