विविध >> 1000 हिन्दी साहित्य प्रश्नोत्तरी 1000 हिन्दी साहित्य प्रश्नोत्तरीकुमुद शर्मा
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इसमें 1000 हिन्दी साहित्य संबंधी प्रश्न तथा उनके संतोषजनक उत्तर दिये गये है.....
1000 Hindi Sahitya Prashnottari - A quiz book on Hindi Literature by Kumud Sharma - 1000 हिन्दी साहित्य प्रश्नोत्तरी - कुमद शर्मा
प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश
वर्तमान युग में हर व्यक्ति के जीवन के विभिन्न स्तरों पर अनेक प्रतियोगिओं से गुजरना पड़ता है। राज्य स्तर पर और केन्द्रीय स्तर पर विभिन्न महत्त्वपूर्ण संस्थानों के महत्त्वपूर्ण पदों के लिए ली जाने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में अन्य विषयों के साथ-साथ हिंदी भाषा और साहित्य से सम्बन्धित वस्तुनिष्ठ प्रश्नों पर आधारित प्रश्न भी सम्मलित होते हैं।
इस पुस्तक में 1000 प्रश्नों के महत्त्वपूर्ण अध्यायों-भाषा, हिन्दी साहित्य का इतिहास, कविता, कहानी, उपन्यास, नाटक, निबंध-आलोचना रेखाचित्र-संस्मरण आत्मकथा-जीवनी, यात्रा साहित्य, रिपोर्ताज साक्षात्कार पत्र साहित्य काव्य शास्त्र साहित्यक पत्रकरिता, संस्थाएँ, पुरस्कार, चित्रावली तथा विविध-में बाँटा गया है। प्रत्येक प्रश्नों के लिए किया गया है।
समय की माँग और समय की कमी के कारण साहित्य के विराट् पलक में प्रवेश कर उसे आत्मसात् करने का अवसर बहुतों के पास नहीं है। यह पुस्तक बहुत सुगमता से ऐसे व्यक्तियों को हिंदी साहित्य के महत्त्वपूर्ण बिंदुओं और वस्तुनिष्ठ तथ्यों से परिचित कराने की दिशा में एक सार्थक प्रयास है।
पुस्तक में हिन्दी साहित्य के व्यापक परिदृश्य पर फैले केन्द्रीय और महत्त्वपूर्ण प्रश्नों को समेटने की कोशिश की गई है। भाषा संबंधी प्रश्नों के साथ-साथ हिन्दी-साहित्य का इतिहास, काव्य शास्त्र, साहित्यिक संस्थाओं, पुरस्कारों से संबंधित प्रश्न इसमें सम्मिलित हैं। कुछ महत्त्वपूर्ण रचनाकारों की चित्रावली भी इसमें समाविष्ट है। यह पुस्तक अपने आपमें हिन्दी साहित्य का इतिहास है।
इस पुस्तक में 1000 प्रश्नों के महत्त्वपूर्ण अध्यायों-भाषा, हिन्दी साहित्य का इतिहास, कविता, कहानी, उपन्यास, नाटक, निबंध-आलोचना रेखाचित्र-संस्मरण आत्मकथा-जीवनी, यात्रा साहित्य, रिपोर्ताज साक्षात्कार पत्र साहित्य काव्य शास्त्र साहित्यक पत्रकरिता, संस्थाएँ, पुरस्कार, चित्रावली तथा विविध-में बाँटा गया है। प्रत्येक प्रश्नों के लिए किया गया है।
समय की माँग और समय की कमी के कारण साहित्य के विराट् पलक में प्रवेश कर उसे आत्मसात् करने का अवसर बहुतों के पास नहीं है। यह पुस्तक बहुत सुगमता से ऐसे व्यक्तियों को हिंदी साहित्य के महत्त्वपूर्ण बिंदुओं और वस्तुनिष्ठ तथ्यों से परिचित कराने की दिशा में एक सार्थक प्रयास है।
पुस्तक में हिन्दी साहित्य के व्यापक परिदृश्य पर फैले केन्द्रीय और महत्त्वपूर्ण प्रश्नों को समेटने की कोशिश की गई है। भाषा संबंधी प्रश्नों के साथ-साथ हिन्दी-साहित्य का इतिहास, काव्य शास्त्र, साहित्यिक संस्थाओं, पुरस्कारों से संबंधित प्रश्न इसमें सम्मिलित हैं। कुछ महत्त्वपूर्ण रचनाकारों की चित्रावली भी इसमें समाविष्ट है। यह पुस्तक अपने आपमें हिन्दी साहित्य का इतिहास है।
भूमिका
महान् वैज्ञानिक डार्विन ने दुनिया के लिए, ‘सरवाइल ऑफ द फिटेस्ट’ सिद्धान्त का प्रतिपादन किया। कहने का तात्पर्य यह था कि दुनिया में उसी का अस्तित्व रहेगा जो दूसरों के मुकाबले अधिक समर्थ और शक्तिशाली होगा। इस सिद्धांत की सत्यता हर युग में प्रमाणित हुई है। आधुनिक जीवन के संघर्ष और प्रतिस्पर्द्धा की दौड़ में यह सिद्धांत अधिक प्रासंगिक है। संसाधन सीमित हैं और उनकी प्राप्ति की इच्छा और आकांक्षा रखनेवालों की संख्या अधिक है; यानी स्थिति ‘एक अनार सौ बीमार’ की हो गई है। ऐसे में प्रतियोगिता ही दूसरों के मुकाबले स्वयं को अधिक समर्थ सिद्ध करने की पद्धति है।
सच पूछिए तो वर्तमान युग में हर व्यक्ति को जीवन के विभिन्न स्तरों पर अनेक प्रतियोगिताओं से गुजरना पड़ता है। शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश परीक्षा हो या फिर नौकरियों के लिए दी जानेवाली प्रतियोगी परीक्षाएँ- लगभग सभी में उम्मीदवारों के विषयनिष्ठ ज्ञान से अधिक वस्तुपरक ज्ञान को परखने पर बल दिया जाता है। राज्य स्तर पर केन्द्रीय स्तर पर विभिन्न महत्त्वपूर्ण संस्थानों के के महत्त्वपूर्ण पदों के लिए ली जानेवाली प्रतियोगी परीक्षाओं में अन्य विषयों के साथ-साथ हिन्दी भाषा और साहित्य से संबंधित महत्त्वपूर्ण प्रश्न सम्मिलित होते हैं। यू.जी.सी. की नेट परीक्षा में भी इसी तरह की प्रश्नपत्र प्रणाली अपनाई जा रही है।
विभिन्न राज्यों के विश्विद्यालयों और विद्यालयों में शिक्षाशास्त्रियों द्वारा यह स्वीकार किया जाने लगा है कि साहित्य में विषयनिष्ठ प्रश्नपत्र प्रणाली से विद्यार्थी के सम्यक् ज्ञान का आकलन नहीं हो पाता, इसलिए सर्वसम्मति से यह निर्णय पारित किया गया कि प्रश्नपत्र का कुछ हिस्सा वस्तुनिष्ठ प्रश्नपत्रों पर आधारित हो। प्रस्तुत पुस्तक इसी परिदृश्य को दृष्टिगत करते हुए तैयार की गई है।
हिन्दी साहित्य के विस्तृत परिदृश्य से प्राय: आम जन परिचित नहीं हैं। साहित्यिक अभिरुचि रखनेवाले ऐसे व्यक्तियों को साहित्यिक ज्ञान से परिचित कराकर उन्हें समृद्ध करने की दृष्टि से भी इस पुस्तक का प्रणयन हुआ है। समय की माँग और समय की कमी के कारण साहित्य के विराट् पलक में प्रवेश कर उसे आत्मासात् करने का अवसर बहुतों के पास नहीं है। यह पुस्तक बहुत सुगमता से ऐसे व्यक्तियों को हिंदी साहित्य के महत्त्वपूर्ण बिंदुओं और वस्तुनिष्ठ तथ्यों से परिचित कराने की दिशा में एक सार्थक प्रयास है। पुस्तक में हिन्दी साहित्य के व्यापक परिदृश्य पर फैले केन्द्रीय और महत्त्वपूर्ण प्रश्नों को समेटने की कोशिश की गई है। भाषा संबंधी प्रश्नों के साथ-साथ हिन्दी-साहित्य का इतिहास, काव्य शास्त्र, साहित्यिक संस्थाओं, पुरस्कारों से संबंधित प्रश्न इसमें सम्मिलित हैं। कुछ महत्त्वपूर्ण रचनाकारों की चित्रावली भी इसमें समाविष्ट है। यह पुसेतक अपने आपमें हिन्दी साहित्य का इतिहास है।
विश्वास है कि यह पुस्तक प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठनेवाले विद्यार्थियों और साहित्यिक रुझान रखनेवाले व्यक्तियों के लिए महत्त्वपूर्ण सिद्ध होगी और उनकी हिन्दी साहित्य संबंधी अनेकानेक जिज्ञासाओं का समाधान कर सकेगी।
सच पूछिए तो वर्तमान युग में हर व्यक्ति को जीवन के विभिन्न स्तरों पर अनेक प्रतियोगिताओं से गुजरना पड़ता है। शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश परीक्षा हो या फिर नौकरियों के लिए दी जानेवाली प्रतियोगी परीक्षाएँ- लगभग सभी में उम्मीदवारों के विषयनिष्ठ ज्ञान से अधिक वस्तुपरक ज्ञान को परखने पर बल दिया जाता है। राज्य स्तर पर केन्द्रीय स्तर पर विभिन्न महत्त्वपूर्ण संस्थानों के के महत्त्वपूर्ण पदों के लिए ली जानेवाली प्रतियोगी परीक्षाओं में अन्य विषयों के साथ-साथ हिन्दी भाषा और साहित्य से संबंधित महत्त्वपूर्ण प्रश्न सम्मिलित होते हैं। यू.जी.सी. की नेट परीक्षा में भी इसी तरह की प्रश्नपत्र प्रणाली अपनाई जा रही है।
विभिन्न राज्यों के विश्विद्यालयों और विद्यालयों में शिक्षाशास्त्रियों द्वारा यह स्वीकार किया जाने लगा है कि साहित्य में विषयनिष्ठ प्रश्नपत्र प्रणाली से विद्यार्थी के सम्यक् ज्ञान का आकलन नहीं हो पाता, इसलिए सर्वसम्मति से यह निर्णय पारित किया गया कि प्रश्नपत्र का कुछ हिस्सा वस्तुनिष्ठ प्रश्नपत्रों पर आधारित हो। प्रस्तुत पुस्तक इसी परिदृश्य को दृष्टिगत करते हुए तैयार की गई है।
हिन्दी साहित्य के विस्तृत परिदृश्य से प्राय: आम जन परिचित नहीं हैं। साहित्यिक अभिरुचि रखनेवाले ऐसे व्यक्तियों को साहित्यिक ज्ञान से परिचित कराकर उन्हें समृद्ध करने की दृष्टि से भी इस पुस्तक का प्रणयन हुआ है। समय की माँग और समय की कमी के कारण साहित्य के विराट् पलक में प्रवेश कर उसे आत्मासात् करने का अवसर बहुतों के पास नहीं है। यह पुस्तक बहुत सुगमता से ऐसे व्यक्तियों को हिंदी साहित्य के महत्त्वपूर्ण बिंदुओं और वस्तुनिष्ठ तथ्यों से परिचित कराने की दिशा में एक सार्थक प्रयास है। पुस्तक में हिन्दी साहित्य के व्यापक परिदृश्य पर फैले केन्द्रीय और महत्त्वपूर्ण प्रश्नों को समेटने की कोशिश की गई है। भाषा संबंधी प्रश्नों के साथ-साथ हिन्दी-साहित्य का इतिहास, काव्य शास्त्र, साहित्यिक संस्थाओं, पुरस्कारों से संबंधित प्रश्न इसमें सम्मिलित हैं। कुछ महत्त्वपूर्ण रचनाकारों की चित्रावली भी इसमें समाविष्ट है। यह पुसेतक अपने आपमें हिन्दी साहित्य का इतिहास है।
विश्वास है कि यह पुस्तक प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठनेवाले विद्यार्थियों और साहित्यिक रुझान रखनेवाले व्यक्तियों के लिए महत्त्वपूर्ण सिद्ध होगी और उनकी हिन्दी साहित्य संबंधी अनेकानेक जिज्ञासाओं का समाधान कर सकेगी।
-कुमुद शर्मा
1
भाषा
1. भारतीय आर्य भाषा परिवार की भाषाओं का मूल स्रोत्र कौन सी भाषा है ?
(अ) हिन्दी
(ब) वैदिक संस्कृत
(स) मराठी
(द) लौकिक संस्कृत
2. तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम भाषाएँ किस भाषा परिवार से संबद्ध हैं ?
(अ) भारतीय आर्य भाषा परिवार
(ब) भारत-यूरोपीय भाषा परिवार
(स) द्रविड़ परिवार
(द) आधुनिक भारतीय आर्य भाषा परिवार
3. भाषा का मूल रूप कौन सा है ?
(अ) लिखित रूप
(ब) मौखिक रूप
(स) मानक रूप
(द) साहित्यिक रूप
4. खड़ी बोली हिन्दी का साहित्यिक रूप किस शताब्दी में विकसित हुआ ?
(अ) अठाहरवीं शताब्दी
(ब) सत्रहवीं शताब्दी
(स) उन्नीसवीं शताब्दी
(द) सोलहवीं शताब्दी
5. हिन्दी को भारतीय संविधान में संघ की राजभाषा के रूप में कब मान्यता मिली ?
(अ) 14 सितंबर, 1949
(ब) 14 सितंबर, 1948
(स) 14 सितंबर, 1953
(द) 14 सितंबर, 1950
6. आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी ने किस पत्रिका के माध्यम से खडी बोली हिन्दी को परिष्कृत और परिमार्जित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई ?
(अ) चाँद
(ब) सुधा
(स) सरस्वती
(द) प्रताप
7. उत्तर भारत की खड़ी बोली हिन्दी दक्षिण में किस रूप में विकसित हुई ?
(अ) द्रविड़ हिन्दी
(ब) दक्कनी हिन्दी
(स) दक्कनी उर्दू
(द) परिनिष्ठित हिन्दी
8. मध्य काल में राजकल की भाषा के रूप में किस भाषा को मान्यता मिली हुई थी ?
(अ) हिन्दी
(ब) उर्दू
(स) फारसी
(द) अरबी
9. संविधान के किस अनुच्छेद के अनुसार संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी है ?
(अ) अनुच्छेद-343
(ब) अनुच्छेद-346
(स) अनुच्छेद-344
(द) अनुच्छेद-342
10. ब्रजभाषा और अवधी किस काल की काव्य भाषाएँ थीं ?
(अ) प्राचीन
(ब) मध्य काल
(स) आधुनिक काल
(द) वैदिक काल
11. हिन्दी की बोलियों को कितने वर्गों में रखा जाता है ?
(अ) तीन
(ब) चार
(स) पाँच
(द) आठ
12. ‘बुंदेली’ और ‘कन्नौजी’ बोली हिन्दी के किस उपभाषा वर्ग की बोलियाँ हैं ?
(अ) पूर्वी हिन्दी
(ब) पश्चिमी हिन्दी
(स) राजस्थानी
(द) पहाड़ी
13. आधुनिक भारतीय आर्य भाषाओं का विकास किससे हुआ ?
(अ) संस्कृत
(ब) हिन्दी
(स) अपभ्रंश
(द) पालि-प्राकृत
14. ‘भोजपुरी’ मूलत: किस प्रदेश की बोली है ?
(अ) राजस्थान
(ब) बिहार
(स) मध्य प्रदेश
(द) उत्तर प्रदेश
15. मानक हिन्दी का विकास किस बोली में हुआ ?
(अ) खड़ी बोली हिन्दी
(ब) ब्रजभाषा
(स) अवधी
(द) बाँगरू
16. भाषा के संदर्भ में अशुद्घ तथ्य कौन सा है ?
(अ) भाषा अर्जित सम्पत्ति है
(ब) भाषा सामाजिक वस्तु नहीं है
(स) भाषा परिवर्तनशील है
(द) भाषा अनुकरण द्वारा अर्जितकी जाती है
17. लिपि के विकास-क्रम में पहली लिपि कौन सी है ?
(अ) भावमूलक लिपि
(ब) सूत्र लिपि
(स) चित्र लिपि
(द) प्रतीकात्मक लिपि
18. ‘मैथिल कोकिल’ किसे कहा जाता है ?
(अ) विद्यापति
(ब) बिहारी
(स) कलक्टर सिंह ‘केसरी’
(द) घनानंद
19. कृष्ण काव्य की अपार संपदा किस भाषा में है ?
(अ) अवधी
(ब) ब्रजभाषा
(स) खड़ी बोली
(द) मैथिली
20. ब्रजभाषा, खड़ी बोली, हरियाणवी, बुंदेली, और कन्नौजी बोलियाँ हिन्दी को बोलियों के किस वर्ग की हैं ?
(अ) पूर्वी हिन्दी
(ब) पश्चिमी हिन्दी
(स) राजस्थानी
(द) पहाड़ी
(अ) हिन्दी
(ब) वैदिक संस्कृत
(स) मराठी
(द) लौकिक संस्कृत
2. तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम भाषाएँ किस भाषा परिवार से संबद्ध हैं ?
(अ) भारतीय आर्य भाषा परिवार
(ब) भारत-यूरोपीय भाषा परिवार
(स) द्रविड़ परिवार
(द) आधुनिक भारतीय आर्य भाषा परिवार
3. भाषा का मूल रूप कौन सा है ?
(अ) लिखित रूप
(ब) मौखिक रूप
(स) मानक रूप
(द) साहित्यिक रूप
4. खड़ी बोली हिन्दी का साहित्यिक रूप किस शताब्दी में विकसित हुआ ?
(अ) अठाहरवीं शताब्दी
(ब) सत्रहवीं शताब्दी
(स) उन्नीसवीं शताब्दी
(द) सोलहवीं शताब्दी
5. हिन्दी को भारतीय संविधान में संघ की राजभाषा के रूप में कब मान्यता मिली ?
(अ) 14 सितंबर, 1949
(ब) 14 सितंबर, 1948
(स) 14 सितंबर, 1953
(द) 14 सितंबर, 1950
6. आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी ने किस पत्रिका के माध्यम से खडी बोली हिन्दी को परिष्कृत और परिमार्जित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई ?
(अ) चाँद
(ब) सुधा
(स) सरस्वती
(द) प्रताप
7. उत्तर भारत की खड़ी बोली हिन्दी दक्षिण में किस रूप में विकसित हुई ?
(अ) द्रविड़ हिन्दी
(ब) दक्कनी हिन्दी
(स) दक्कनी उर्दू
(द) परिनिष्ठित हिन्दी
8. मध्य काल में राजकल की भाषा के रूप में किस भाषा को मान्यता मिली हुई थी ?
(अ) हिन्दी
(ब) उर्दू
(स) फारसी
(द) अरबी
9. संविधान के किस अनुच्छेद के अनुसार संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी है ?
(अ) अनुच्छेद-343
(ब) अनुच्छेद-346
(स) अनुच्छेद-344
(द) अनुच्छेद-342
10. ब्रजभाषा और अवधी किस काल की काव्य भाषाएँ थीं ?
(अ) प्राचीन
(ब) मध्य काल
(स) आधुनिक काल
(द) वैदिक काल
11. हिन्दी की बोलियों को कितने वर्गों में रखा जाता है ?
(अ) तीन
(ब) चार
(स) पाँच
(द) आठ
12. ‘बुंदेली’ और ‘कन्नौजी’ बोली हिन्दी के किस उपभाषा वर्ग की बोलियाँ हैं ?
(अ) पूर्वी हिन्दी
(ब) पश्चिमी हिन्दी
(स) राजस्थानी
(द) पहाड़ी
13. आधुनिक भारतीय आर्य भाषाओं का विकास किससे हुआ ?
(अ) संस्कृत
(ब) हिन्दी
(स) अपभ्रंश
(द) पालि-प्राकृत
14. ‘भोजपुरी’ मूलत: किस प्रदेश की बोली है ?
(अ) राजस्थान
(ब) बिहार
(स) मध्य प्रदेश
(द) उत्तर प्रदेश
15. मानक हिन्दी का विकास किस बोली में हुआ ?
(अ) खड़ी बोली हिन्दी
(ब) ब्रजभाषा
(स) अवधी
(द) बाँगरू
16. भाषा के संदर्भ में अशुद्घ तथ्य कौन सा है ?
(अ) भाषा अर्जित सम्पत्ति है
(ब) भाषा सामाजिक वस्तु नहीं है
(स) भाषा परिवर्तनशील है
(द) भाषा अनुकरण द्वारा अर्जितकी जाती है
17. लिपि के विकास-क्रम में पहली लिपि कौन सी है ?
(अ) भावमूलक लिपि
(ब) सूत्र लिपि
(स) चित्र लिपि
(द) प्रतीकात्मक लिपि
18. ‘मैथिल कोकिल’ किसे कहा जाता है ?
(अ) विद्यापति
(ब) बिहारी
(स) कलक्टर सिंह ‘केसरी’
(द) घनानंद
19. कृष्ण काव्य की अपार संपदा किस भाषा में है ?
(अ) अवधी
(ब) ब्रजभाषा
(स) खड़ी बोली
(द) मैथिली
20. ब्रजभाषा, खड़ी बोली, हरियाणवी, बुंदेली, और कन्नौजी बोलियाँ हिन्दी को बोलियों के किस वर्ग की हैं ?
(अ) पूर्वी हिन्दी
(ब) पश्चिमी हिन्दी
(स) राजस्थानी
(द) पहाड़ी
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