लोगों की राय

स्वास्थ्य-चिकित्सा >> स्वास्थ्य के रखवाले शाक,सब्जी,मसाले

स्वास्थ्य के रखवाले शाक,सब्जी,मसाले

प्रेमपाल शर्मा

प्रकाशक : ग्रंथ अकादमी प्रकाशित वर्ष : 2005
पृष्ठ :164
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 2556
आईएसबीएन :81-88267-40-6

Like this Hindi book 9 पाठकों को प्रिय

303 पाठक हैं

इसमें हर घर-परिवार में सहज सुलभ शाक,सब्जी और मसालों का सांगोपांग वर्णन है...

Swasthyta Ke Rakhvale Shak Sabji Masale

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

संसार में एक से बढ़कर एक बहुमूल्य चीजें हैं, परंतु उनमें एक चीज जो सबसे अनमोल है, वह है स्वास्थ्य। जीवन की सार्थकता स्वास्थ्य से है। स्वास्थ्य जैसे अमूल्य रत्न को एक बार खोकर पुनः प्राप्त करना बड़ा कठिन हो जाता है। अतः स्वास्थ्य की रक्षा करना परम् आवश्यक है।

प्रकृति ने मानव को स्वस्थ पर्यावरण के साथ-साथ अपने बहुमूल्य उपहार भी दिये हैं। ये उपहार हैं-फूल, फल, शाक, सब्जी और मसाले। अपने दैनिक जीवन में हम इनका उपयोग किसी न किसी रूप में अवश्य करते हैं, लेकिन मात्र जीभ के स्वाद के लिए ही। परंतु क्या आपने कभी सोचा है कि इनमें कितने अधिक रोगनाशक और औषधीय गुण विद्यमान हैं ? यदि हम सब इनके बारे में जानकारी रखें तो दैनिक जीवन में होने वाली बहुत-सी बीमारियों के उपचार के लिए चिकित्सकों और डॉक्टरों के पास दौड़ना न पड़े,  उनकी मोटी-मोटी फीस शायद न भरनी पड़े।

प्रस्तुत पुस्तक ‘स्वास्थ्य के रखवाले’ में हर घर-परिवार में सहज-सुलभ शाक-सब्जी और मसालों का सांगोपांग वर्णन है। प्रत्येक के गुण, उपयोग के साथ-साथ औषधीय उपयोग बताये गये हैं ये नुस्खे घरेलू चिकित्सा। के प्रमुख अंग हैं, जो रोग को दबाते नहीं, बल्कि धीरे-धीरे उसका समूल नाश कर देते हैं।
स्वास्थ्य के प्रति जागरुक एवं जिज्ञासु प्रत्येक व्यक्ति के लिए अत्यन्त उपयोगी एवं पठनीय पुस्तक।


यावत्स्वस्थमिदं शरीरमरुजं यावज्जरा दूरतो,
या वच्चेन्द्रिय शक्तिकर प्रतिहता यावत्क्षयो नायुष:।
आत्म श्रेयसि तावदेव विदुषा कार्य; प्रयत्नो महान।
सन्दीप्ते भवनेतु कूपखननं प्रत्युद्यम: कीदृश:।।

-भर्तृहरि, वैराग्यशतक

-अर्थात् जब तक शरीर स्वस्थ एवं नीरोग है, जब तक वृद्धावस्था दूर है, जब तक इंद्रियाँ शक्तिशाली हैं, जब तक प्राण-शक्ति क्षीण नहीं हुई है, तभी तक-बुद्धिमान व्यक्ति को चाहिए कि आत्म-कल्याण हेतु सच्चरित्रतापूर्वक भरपूर प्रयत्न करता रहे, वरना घर में आग लग जाने पर कुआँ खोदने से क्या लाभ ?


प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book