विविध उपन्यास >> अंतरिक्ष में विस्फोट अंतरिक्ष में विस्फोटजयंत विष्णु नारलीकर
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एक वैज्ञानिक उपन्यास...
कथा शुरू होती है सम्राट हर्षवर्धन के काल से। स्थानेश्वर के बौद्ध-विहार के आचार्य भिक्खु सारिपुत की तारों और नक्षत्रों से भरे आकाश में निरीक्षण में गहरी रुचि है। एक रात उनका प्रिय शिष्य उनके घर दौड़ा-दौड़ा आता है और आकाश में घटित एक अलौकिक दृश्य की साक्षी देता है। भिक्खु सारिपुत इस घटना को विशेष महत्व देते हैं और उसकी सूचना राजा तक पहुँचा देते है। राजकीय संरक्षण और रोहित के सहयोग से सारिपुत इन अभिलेखों में सारे विवरण लिखकर काल पात्र के रूप में जमीन में गड़वा देते हैं। अचानक बीसवीं सदी में तेरह सौ साल के बाद वह अभिलेख प्राच्यविद्या विशेषज्ञ तात्या साहेब भागवत और नक्षत्र विज्ञानी अविनाश नेने को प्राप्त होते है। सारे विश्व और इसके प्राणियों के अस्तित्व के लिए उनका बड़ा महत्व है। क्या सारिपुत ऐसे किसी संभावित संकट का पूर्वानुमान था उपन्यास का अंतिम भाग उन पूर्व घटनाओं से संबंधित है जो सदियों बाद घटित होती है।
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