लोगों की राय

अमर चित्र कथा हिन्दी >> राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी

राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी

अनन्त पई

प्रकाशक : इंडिया बुक हाउस प्रकाशित वर्ष : 2007
पृष्ठ :32
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2064
आईएसबीएन :1234567890123

Like this Hindi book 0

राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी

जवाहर लाल नेहरू ने महात्मा गांधी के यारे में कहा था:

"वे ताजी हवा के जोरदार झोंके की तरह थे जिसमें हम अंगड़ाई लेकर गहरी सांस लेते हैं, वे रोशनी की किरण की तरह थे जो घुप अंधेरे को चीरती और हमारी आंखों पर से परदा हटा देती है, वे आंधी की तरह थे जो बहुत-सी चीजों को उलट-पुलट डालती है - सबसे बढ़कर लोगों के सोचने के ढंग को। वे ऊपर से अवतरित नहीं हुए, वे तो मानो हिंदुस्तान के लाखों करोड़ों लोगों में से उभरे - वे उन्हीं की भाषा बोलते थे और उनकी भयंकर हालत की ओर ध्यान खींचते रहते थे।"

महात्मा गांधी संबंधी पहला खंड उनके जीवन के आरंभिक काल के बारे में था। गुजरात में उनके जन्म और बचपन का वर्णन उसमें था। कैसे वे दक्षिण अफ्रीका में नेता के रूप में उभरे और सत्याग्रह की अनूठी कल्पना उन्होंने पेश की, यह भी उसमें बताया गया था। 1915 में के भारत आये और आम जनता की समस्याओं से इतनी गहराई से जुड़ गये कि "बापू' यानी पिता कहलाने लगे।

ब्रिटिश हुकूमत का विरोध करने के लिए उन्होंने अहिंसक असहयोग का रास्ता सुझाया। देशवासियों ने "राष्ट्रपिता" कहकर उनका जयजयकार किया।

प्रथम पृष्ठ

विनामूल्य पूर्वावलोकन

Prev
Next
Prev
Next

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book