अमर चित्र कथा हिन्दी >> मालविका मालविकाअनन्त पई
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कालिदास के मालविकाग्नमित्र पर आधारित चित्र कथा
यह कथा महाकवि कालिदास रचित ' मालविकाग्निमित्र ' नाटक पर आधारित है।
यह महाकवि का प्रथम प्रयास था, इसलिए स्वाभाविक रूप से उदीयमान युवा लेखन का कौतुक और नाटकीयता अधिक है। कवि की अतुलनीय कल्पना-शक्ति और प्रौढ़ता के दर्शन इसमें अपेक्षाकृत कम होते हैं। कालिदास दरबारी कवि थे। इस कथा में ईर्ष्या, प्रेम, चतुर षड़यंत्र, पराक्रम आदि के उनके सच्चे अनुभवों का निचोड़ है।
कालिदास के समय के बारे में विद्वानों में मतभेद है। छठी शताब्दी ई.पू. और दसर्वी शताब्दी तक अनेक कालखंड कालिदास के जीवन से संबंधित बताये जाते हैं। लेकिन जहाँ तक कालिदास की रचनाओं का प्रश्न है, उसमें सभी एक मत हैं कि वे अद्भुत और अनुपम हैं।
कवि के अत्यंत प्रसिद्ध ग्रंथ हैं- 'अभिज्ञान शांकुतल', 'ऋतुसंहार', 'रघुवंश', 'कुमारसंभव', 'विक्रमोर्वशीय' एवं अनुपम काव्यकृति 'मेघदूत'।
सारे संसार के साहित्य में एक अत्यंत श्रेष्ठ और नाटककार के रूप में कालिदास को आदर प्रदान किया जाता है। संसार की प्रायः सभी विशिष्ट भाषाओं में कालिदास की अनेक कृतियों के अनुवाद प्रकाशित हुए हैं।
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