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अमर चित्र कथा हिन्दी >> तेनाली रमन

तेनाली रमन

अनन्त पई

प्रकाशक : इंडिया बुक हाउस प्रकाशित वर्ष : 2004
पृष्ठ :32
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 1865
आईएसबीएन :1234567890123

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रंगभरे चित्रों के माध्यन से चतुर तेनालीरामन की कथा

किसी साधारण-से मनुष्य की बड़े-बड़ों से टक्कर लेने और विजयी होने की कथा साहित्य में बार-बार भिन्न-भिन्न रूपों में दोहराई गयी है। कभी-कभी यह विजय पराक्रम से प्राप्त की जाती है परन्तु प्रायः अनोखी सूझ-बूझ, वाक-चातुर्य और हाजिर-जवाबी से।

तेनाली गाँव का रामन एक ऐसा ही साधारण व्यक्ति था। रामन विजयनगर के नरेश कृष्णदेव राय (सन् 1509-1529) का राज-विदूषक होने के साथ-साथ तेलुगुकवि भी था। उसे दक्षिण का बीरबल भी कहा जाता है। उसकी अनेक रोचक कहानियाँ दक्षिण भारत में लोक-कथाओं के रूप में प्रचलित हैं। कई कहानियाँ, जैसे माँ काली से उसकी भेंट, उसकी हाजिर-जवाबी के उदाहरण स्वरूप गढ़ ली गयी हैं।

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