नारी विमर्श >> अग्निगर्भा अग्निगर्भाअमृतलाल नागर
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नागर जी की रोचक शैली और चुटीली भाषा का एक और उपन्यास ‘अगिनगर्भा’...
10 Pratinidhi Kahaniyan (Aabid Surti)
हमारे सामाजिक जीवन के सबसे बड़े अभिशाप दहेज को इस उपन्यास का केन्द्रीय विषय बनाया गया है। यह एक ऐसी स्त्री की कहानी है, जिसे आदमी की कामुक, स्वार्थी और घिनौनी इच्छाएं ‘अगिनगर्भा’ बना डालती हैं, लेकिन तब भी जीवन-भर वह धैर्यशीला बनी रहती है। नागर जी की रोचक शैली और चुटीली भाषा का एक और नमूना है यह उपन्यास।
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