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नई पुस्तकें >> गोविन्द मिश्र रचना संचयन गोविन्द मिश्र रचना संचयननन्दकिशोर आचार्य
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कथा-संसारी कला...
गोविन्द मिश्र की उपस्थिति हिंदी साहित्य जगत् में विशिष्ट है। 1965 से अब तक लगातार स्तरीय लेखन से विशाल पाठक वर्ग को प्रभावित करने वाले गोविन्द मिश्र की प्रसिद्धि मूलतः एक कथाकार और विशेषतः एक उपन्यासकार के रूप में रही है। उनके उपन्यासों का वैविध्य चकित करता है। व्यापक ‘रेंज’ के बावजूद उनकी कहानियों, यात्रावृत्तांत, बाल साहित्य या निबंधों का महत्त्व कमतर नहीं है। उनकी एक ऐसी उपस्थिति है जो एक संपूर्ण साहित्यकार का बोध कराती है, जिसकी वरीयताओं में लेखन सर्वोपरि है, जिसकी चिंताएँ समकालीन समाज से उठकर पृथ्वी पर मनुष्य” के रहने के संदर्भ तक जाती हैं और जिसका लेखन-फलक भारतीय परंपरा की खोज, इतिहास और अतीत के संदर्भ में आज के प्रश्नों की पड़ताल-इन्हें एक साथ समेटे हुए है। गोविन्द मिश्र के उपन्यास, कहानियों और यात्रावृत्तों में जो दृष्टि उभरती है, वह वही है जिसे अज्ञेय कहानी में कवि-दृष्टि कहते थे। गोविन्द मिश्र का कथा-संसार, यात्रावृत्त और संस्मरणात्मक लेखन तक इस कवि-दृष्टि की व्यंजनाएँ हैं – मानवत्व से संवेदनात्मक साक्षात्कार। इस रचना-संचयन के माध्यम से साहित्यप्रेमी पाठकों के समक्ष गोविन्द मिश्र की रचनात्मक विशिष्टता को संक्षिप्त रूप में प्रस्तुत करने का यह प्रयास पसंद किया जाएगा, ऐसा विश्वास है।
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