"> "> " />
लोगों की राय

नई पुस्तकें >> ढा दूँ दिल्ली के कंगूरे

ढा दूँ दिल्ली के कंगूरे

बलदेव सिंह

प्रकाशक : साहित्य एकेडमी प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :416
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 17082
आईएसबीएन :9789355485816

Like this Hindi book 0

"विद्रोही चेतना की गाथा : 'ढावाँ दिल्ली दे किंगरे' में पंजाब के नायक दुल्ला भट्टी की अद्वितीय कहानी"

साहित्य अकादेमी द्वारा बलदेव सिंह के पुरस्कृत पंजाबी उपन्यास ढावाँ दिल्‍ली दे किंगरे का हिंदी अनुवाद है। यह उपन्यास मध्यकालीन पंजाब के लोक नायक दुल्ला भट्टी की जीवन-लीला तथा शोभा को आधुनिक पंजाब की वस्तु-स्थिति के परिप्रेक्ष्य में पुनः सुजित करता है। इस लिहाज से यह उपन्यास ‘पंजवाँ साहिबज़ादा’ और ‘सतलुज वहिंदा रेहा’ के बीच की कड़ी है। यह उपन्यास पंजाब के ऐतिहासिक संकटों और व्यक्तिगत संघर्षों की परतों में छुपी हुई विद्रोही-चेतना और विद्रोही-संवेदना के बदलते आयामों की प्रस्तुति की खूबसूरत मिसाल है। दुल्ला भट्टी के विद्रोह को काव्य-वृत्तांत और नाटक में पहले ही चित्रित किया जा चुका है, परंतु उपन्यास के विशाल कैनवास वाले रूपाकार में पंजाब की आत्मा का प्रतिनिधित्व करने वाले इस लोकनायक की प्रस्तुति पंजाबी उपन्यास और समकालीन पंजाबी साहित्य सृजन की विचारणीय उपलब्धि है।

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book