नई पुस्तकें >> जलाक जलाकसुदर्शन प्रियदर्शिनी
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सुदर्शन प्रियदर्शिनी के उपन्यास का द्वितीय संस्करण
'जलाक'
अर्थात्
जलाने वाली हवा।
प्रवासी भारतीय लेखिका सुदर्शन प्रियदर्शिनी का यह उपन्यास भारत और पश्चिमी संस्कृतियों के अन्तर्द्वन्द्व का विस्फोट है। जो भारतीय परिवेश की एक लड़की के पश्चिमी संस्कृति के बीच रहने के द्वन्द्व और उसकी परिणति का ताना-बाना है। शिल्प और कथ्य की दृष्टि से यह उपन्यास बोल्ड, किन्तु प्रवाहपूर्ण किस्सागोई से लबरेज, पाठकों को एक दृष्टि भी देता है। भारत में जन्मी और पली-बढ़ी एक लड़की के जीवन पर पश्चिमी समाज के प्रभाव या कहें दुष्प्रभाव किस तरह उसे जीवन के उस अकल्पनीय मुहाने पर ले जाते हैं कि लड़की ताउम्र बिखरती और सँवरती रहती है।
- दिवाकर भट्ट
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