कविता संग्रह >> श्याम माधवम् श्याम माधवम्प्रभा वर्मा
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‘श्याम माधवम्’ मलयाळम् के चर्चित कवि प्रभा वर्मा का बहुप्रशंसित कथा-काव्य है। महाभारत की प्रमुख कथाओं को आधार बनाकर तथा उन कथाओं के प्रमुख पात्रों को केंद्र में रखकर यह कथा-काव्य लिखा गया है। इसमें केंद्रीय स्थान पर कृष्ण हैं। अलावा इनके राधा, कर्ण, अश्वत्थामा, गांधारी आदि भी हैं। महाभारत के सर्वश्रेष्ठ व सर्वप्रकाशित पात्र कृष्ण हैं। कुरुक्षेत्र युद्ध के सूत्रधार भी कृष्ण हैं। कृष्ण अपने जीवन का कई कोणों से विश्लेषण करते हैं। श्याम रंग से माधव अधिकाधिक कथाओं में सौंदर्य का प्रतीक बनकर अवतरित होता है। प्रभा वर्मा ने कृष्ण के श्यामल रंग को उनके अंतस्थ में स्थित त्रासद भाव को व्यंजित करने के लिए किया है। ‘श्याम माधवम्’ आद्यंत त्रासद भावों की प्रखर व्यंजना है। कोई यह बात पूर्ण रूप से जान नहीं पाया कि कृष्ण की घन-मूकता की कितनी गहराइयाँ हैं ? कृष्ण के माध्यम से युद्ध की भीषण समस्याओं एवं अन्य कई जटिलताओं को कवि ने प्रस्तुत किया है। कथा-काव्य में प्रभा वर्मा ने कहीं भी कृष्ण को महिमा मंडित नहीं किया है। बावजूद इसके यह कथा-काव्य एक पूर्ण पुरुष की जीवन-यात्रा को प्रस्तुत करता है, जिसमें अपने वैभवपूर्ण व्यक्तित्व के धनी होने के बाद भी कृष्ण अनेकानेक यातनापूर्ण अनुभवों से गुजरते हैं। अंततः कृष्ण जीवन की गहन त्रासदियों को सर्वात्मना स्वीकार करने वाले पात्र के रूप में अवतरित होते हैं। ‘श्याम माधवम्’ की संगीतात्मकता तथा छंदोबद्धता इसके दो प्रमुख पक्ष हैं। इन पारंपरिक रीतियों के बावजूद – कृष्ण के पात्रत्व की समकालीनता भी इस काव्य का एक भास्वर पक्ष है।
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