आलोचना >> अनुवाद के भाषिक पक्ष अनुवाद के भाषिक पक्षविभा गुप्ता
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साहित्यिक अनुवाद : भाषा और शैली अनुसंधान कार्य के समय प्रस्तुत एक लघु शोध प्रबंध है जो एक विशाल- विस्तृत विषय ‘प्रवीकन सिद्धान्त और साहित्यिक अनुवाद’ के अध्ययन क्रम का पहला प्रारंभिक चरण है। प्रेमचंद की चार कहानियों के अंग्रेजी अनुवादों के तुलनात्मक अध्ययन पर आधारित यह कार्य संभवत: अनुवाद – शिक्षण के संदर्भ में उपादेय सिद्ध हो सकेगा। अध्ययन-क्रम में सामने आए प्रश्नों की ओर सुधी पाठकों का ध्यान आकृष्ट करने वाले इस प्रयास में समाधान नहीं है क्योंकि यहाँ कोई एक नियम नहीं बन सकता। अनुवाद के अध्ययन की दिशा में डॉ. रवीन्द्रनाथ श्रीवास्तव की प्रेरणा एवं निर्देश से पहला प्रयास ‘गद्यानुवाद की समस्याएँ’ लेख (अनुवाद : सिद्धान्त और समस्याएँ) था। उसी क्रम में यह दूसरा लघु प्रयास किंचित मात्र भी अनुवाद के अध्ययन- प्रशिक्षण में सहायक सिद्ध हो सका तो श्रमसाध्य यह प्रयास सार्थक होगा।
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