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कविता संग्रह >> अम्बर में अबाबील अम्बर में अबाबीलउदय प्रकाश
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‘अपने समय के बेचैन यथार्थ पर सदा पैनी निगाह रखने वाले उदय प्रकाश ‘प्रतिरोध के यथार्थ’ के भारतीय स्तर के प्रतिबद्ध लेखक हैं। सन्त तुकाराम और प्रेमचन्द की परम्परा के संवाहक उदय प्रकाश शब्द का प्रयोग शस्त्र की तरह करते हैं।’
– सतीश कालसेकर
‘शक्तिशाली सत्ता के नाम एक ‘चिट्ठी’। निजी नहीं, सार्वजनिक। जिसमें ‘एकालाप’ भी ‘समूहगान’ हो सकता है। यह भाषा का छल नहीं, भाषा की ताक़त है।’
– परमानन्द श्रीवास्तव
‘राजनीतिक विषयों पर भी अ-राजनीतिक ढंग में अभिव्यक्ति का कौशल उदय प्रकाश की विशेषता है।’
– केदारनाथ सिंह
‘किसी भी यातना को कवि, बिना उस यातना से मानसिक रूप से गुज़रे हुए, प्रेषित नहीं कर सकता। उदय प्रकाश की कविताएँ इसकी दुर्लभ मिसाल हैं।’
– सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
उदय प्रकाश अपनी नैतिक ज़िम्मेदारी से नहीं भागते। वे भाषा के दुरुपयोग का प्रतिरोध करते हैं।
– अशोक वाजपेयी
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