नई पुस्तकें >> समय से बाहर समय से बाहरअशोक वाजपेयी
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यह सोचना अच्छा लगता है, कि हमारे बीच एक ऐसे व्यक्ति हैं, जिनके बिना उत्तरी भारत और हिन्दी प्रदेश के सांस्कृतिक परिदृश्य की कल्पना करना असंभव है। कुछ नामों के साथ साहित्य और संस्कृति जैसे शब्द अपनी आत्यन्तिक पवित्रता और उज्ज्वलता ग्रहण कर लेते हैं – मेरे लिए अशोक वाजपेयी ऐसा ही एक नाम है। एक पुराने विश्वसनीय मित्र, एक निष्ठावान संस्कृतिकर्मी, एक उत्कृष्ट कवि-ऐसे कम लोग होते हैं, जो इन सब गुणों को इतनी सहज विनयशीलता से अपने व्यक्तित्व में छिपाये रखते हैं।
– निर्मल वर्मा
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