नई पुस्तकें >> पुलिसनामा पुलिसनामाजैगम मुर्तजा
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जहाँ मुर्दे भी गवाही देते हैं के सभी किस्से सच्ची घटनाओं पर आधारित हैं, जिनका लेखक चश्मदीद था या फिर ये किस्से उसके पास स्टाफ रिपोर्टर से पहुँचे। दो दशकों से अधिक क्राइम और राजनीति पर रिपोर्टिंग करते हुए लेखक ने पुलिस तंत्र और उनके काम करने के तरीकों को बहुत नजदीक से देखा-समझा है। पुस्तक बताती है कि समाज को अपराध-मुक्त रखने की ज़िम्मेदारी में कभी अजीबोगरीब घटनाएँ, मजेदार वाकयात और कभी-कभी एनकाउंटर भी हो जाते हैं। इन परिस्थितियों में पुलिस को कभी वाहवाही मिलती है तो कभी धिक्कार। लेखक ख़ाकी वर्दी वालों को इंसान की तरह देखना-समझना नहीं भूलते और यही बात इस किताब को ख़ास बनाती है।
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