नई पुस्तकें >> मदन कश्यप का कवि-कर्म मदन कश्यप का कवि-कर्मअरुण होता
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मदन कश्यप समय और समाज के चितेरे कवि हैं। उनकी कविताओं में समय और समाज समग्रता में अंकित हुआ है। आन्दोलन की पृष्ठभूमि में उनकी कविता का जन्म हुआ है। ज़मीन से जुड़ा हुआ कवि का जीवनानुभव समय को मूर्त करता है बड़े असरदार तरीके से। इस कवि के काव्य- – विकास पर ध्यान दें तो स्पष्ट पता चलता है कि यहाँ अन्तर्वस्तु और शिल्प के धरातल पर वैविध्य है। प्रेम, गृहस्थ-जीवन, स्त्री, राजनीति, प्रकृति और पर्यावरण, किसान, दलित-आदिवासी आदि तमाम विषयों और संवेदनाओं के बिम्ब एवं दृश्य पाठकों के अन्तर्मन को प्रभावित करते हैं। गाँव, जनपद, महानगर, देस आदि के साथ विदेश के सुन्दर चित्रपट सँजोते हुए कवि ने अपनी विशिष्टता बनाये रखी है। कवि की संवेदना के आयतन का विस्तार उसकी कविताओं से साफ़ देखा जा सकता है।
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