नई पुस्तकें >> दो ध्रुवों के बीच दो ध्रुवों के बीचप्रकृति करगेती
|
0 |
दो ध्रुवों के बीच इस कविता-संग्रह की ज़्यादातर कविताएँ एक अलग मनःस्थिति में लिखी गयी हैं। इन कविताओं को इस तरह सार्वजनिक करने का एक मकसद ये भी है कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी विमर्श शुरू हो। लोग मानसिक स्वास्थ्य को लेकर और जागरूक हों। विमर्श जारी रहे।
|
अन्य पुस्तकें
लोगों की राय
No reviews for this book