नई पुस्तकें >> समुद्र मन्थन का पन्द्रहवाँ रतन समुद्र मन्थन का पन्द्रहवाँ रतनसंजीव
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कथाकार संजीव ने हिन्दी को कई महत्त्वपूर्ण उपन्यास दिये हैं। उनके रचनात्मक अवदान के लम्बे सिलसिले की नवीनतम कड़ी है उनका उपन्यास समुद्र मन्थन का पन्द्रहवाँ रतन। यह उपन्यास हमारे समय की एक प्रमुख विसंगति और एक व्यापक मूल्यभ्रंश की शिनाख्त करता है, जिनसे पूरा समाज आक्रान्त है।
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