नई पुस्तकें >> हल्दी के छापे हल्दी के छापेअवध बिहारी श्रीवास्तव
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50 कविताएँ - द्वितीय संस्करण
अनुक्रम
1. वैसे तो माटी - माटी है : : 25
2. गमलों में उगे गुलाबों का : : 28
3. सबका बचपन बीता होगा : : 31
4. भइया हैं परदेश न जाने कैसे होंगे : : 33
5. एक पत्र लिखना हाथों की छापों से : : 35
6. आज मेरे गीत में छायी हुयी हो तो तुम : : 37
7. ओ चन्दन बन वाली नागिन : : 38
8. पहले तो दीप शिखा काँपी : : 40
9. उस दिन साँझ ढले तुम आए : : 42
10. झूम-झूम कर आते बादल : : 44
11. लगता है बरसेगा पानी : : 45
12. आँख में गड़ने लगे हैं : : 46
13. एक-एक बीत रहे गिने हुए दिन : : 47
14. आओ प्रियं लौट चलें : : 48
15. गोबर लिपी देहरी खिड़की : : 49
16. बहते जल में सावनी घटा : : 51
17. प्रिय तुमने जूड़े में टाँक दिए फूल : : 53
18. खंजन मृग नीली झीलों सी : : 54
19. महुए की गाछ के तले : : 56
20. मन को मेरे दोष न देना : : 58
21. कल तक तो कुछ नहीं : : 60
22. लहर गया चइता का मादक स्वर : : 62
23. सूरज के घर आये बादल : : 64
24. झम झम झम झम बरसा पानी : : 65
25. खाली फ्रेम हाथ में मेरे : : 66
26. एक बना एक बनी : : 66
27. सोने के पिंजरे की खातिर : : 69
28. सारा दिन बीत गया : : 71
29. मत सहलाना हमें हथेली के नाखूनों से : : 72
30. घर परिवार बेटियाँ बेटे : : 74
31. भीतर भीतर दहने से : : 77
32. कौन कह रहा गीत हमारे : : 79
33. एक वृत्त की तरह : : 81
34. मैं बरगद के पास गया था : : 83
35. बादल मत आना इस देश : : 85
36. टूटती मीनार मैं हूँ : : 89
37. नंगे पाँव चले बालू पर : : 90
38. गंगा में पानी तो बहा मगर : : 92
39. मैं एक प्रश्न हूँ : : 94
40. एक तीखी गंध : : 95
41. पेड़ नंगे खड़े हैं : : 96
42. आखिर वह क्या था : : 97
43. मैं तुम्हारे यहाँ आता हूँ : : 98
44. तुम मेरे पास आए : : 99
45. पिता ने जलती धूप ओढ़कर : : 101
46. ओ नियामक मकड़े : : 102
47. सन्ध्या उतरी कुछ दूर छितिज के पार : : 103
48. तुम राम तो नहीं थे : : 105
49. बूढ़े फकीर ने लौटाया : : 107
50. मृत्यु का महार्णव है : : 119
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