नई पुस्तकें >> ये धरती भी कुछ कहती है ये धरती भी कुछ कहती हैसतीश पाण्डेय सत्य
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प्रेरक एवं मार्गदर्शक कवितायें
अनुक्रम
1. श्रद्धा-समर्पण 5
2. दो-शब्द 6
3. आभार एवं ऋण-स्वीकार 7
4. सरस्वती वन्दना 11
5. गुरु-वन्दना 12
6. माँ के प्रति 14
7. ये धरती भी कुछ कहती है 16
8. वसन्त हमसे रूठा 19
9. मौसम 20
10. ये जो हुआ है 23
11. मुझे मधुर वह गीत सुना दो ! 25
12. अब दूर गया वो सावन 27
13. रे बादल ! बरसो 29
14. मैं शब्द हूँ 30
15. मेरी कविता 32
16. पकड़ो शब्द 34
17. चुन-चुन शब्द संजो ले प्यारे 36
18. आओ हिन्दी दिवस मनाएँ 38
19. यही है आज 'सत्य' का प्रण 39
20. मुझे तलाश है 40
21. यदि पेट न होता! 43
22. मिथ्या और मोबाइल 46
23. ऐ मेरे हृदय के दीप! 49
24. निद्रा से जागो अब क्षण भर 51
25. 'सत्य' कहता सत्य की सच्ची कहानी 53
26. मन आज बना युद्धस्थल 55
27. रे दीपक ! तुम जलते रहना 56
28. पल रहा है ज़हन में 57
29. अब कौन जागता है? 59
30. पैसा कलयुग का भगवान 60
31. हे अबुद्ध ! बुद्ध हो 63
32. रे कवि ! तुम समझो कवि-धर्म 65
33. क्या फर्क पड़ता है? 67
34. सुबह नयी 69
35. वह एक सफर 70
36. एक नया अनुभव हर पल संजोता हूँ 72
37. मैं बाप हूँ 73
38. विद्यार्थी 75
39. बस चन्द भाव स्मृतियाँ 77
40. जाग जाओ रे युवाओं ! 79
41. रे तिनके ! तू भी महान 81
42. मेरी क़िस्मत मेरे आगे 83
43. तू चाहे तो भाग्य उदय हो 85
44. और अधिक अतिचार 87
45. लगे रहो 89
46. ढूँढ़ता हूँ मैं 91
47. आल्पस की चोटी पर 92
48. सत्य तुम्हें चलते जाना है 94
49. है आत्मा धिक्कारती 96
50. जिंदगी तुमसे हारूँगा नहीं 98
51. मेरे हृदय में क्या? 99
52. जयदीप ! 102
53. मैं पियक्कड़ हूँ ! 104
54. बरसात हो रही है 106
55. तू तो कवि है 108
56. डकार 110
57. हो गया पर्यावरण संरक्षण 112
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