उपन्यास >> जड़ वाला कटहल जड़ वाला कटहलएस समुत्तिरम्
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साहित्य अकादेमी द्वारा 1990 में पुरस्कृत ग्रन्थ जड़ वाला कटहल (वेरिल पषुत पला) में दो लघु उपन्यास सम्मिलित हैं, जो लेखक की निर्बल वर्ग के प्रति समानुभूति और बेजुबान लोगों के लिए आवाज़ उठाने के उसके साहस को व्यक्त करते हैं। भाषा के प्रभावशाली उपयोग और मानवीय विवशताओं की संवेदनशील समझ के नाते यह कृति तमिळ में लिखित भारतीय साहित्य को एक बहुमूल्य योगदान मानी गई है।
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