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खरपतवार

राजन गवस

गोरख थोरात

प्रकाशक : साहित्य एकेडमी प्रकाशित वर्ष : 2020
पृष्ठ :270
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 16383
आईएसबीएन :9789390310753

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खरपतवार साहित्य अकादेमी द्वारा 2001 में पुरस्कृत मराठी उपन्यास तणकट का हिंदी अनुवाद है। बीते तीन-चार दशक की सामाजिक और राजनीतिक दिशाहीनता तथा मूल्यभ्रष्टता का भीषण दस्तावेज़ – इस रूप में इस उपन्यास के यथार्थ का वर्णन किया जा सकता है। इस उपन्यास में विभिन्‍न जातियों के नौजवानों को हतोत्साहित कर रहे समकालीन भारतीय सामाजिक-राजनीतिक यथार्थ को लेखक ने प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया है। सुलगती समस्याएँ, आदर्शों का विद्रूपीकरण, मूल्यों का ह्नास और विपरीत दिशा में भटक रहे आंदोलनों के परिणामस्वरूप रचनात्मक निरर्थकता की छाया किस तरह मानवीय संबंधों की ऊष्मा को निगल जाती है, इस तथ्य की संवेदनात्मक अनुभूति है खरपतवार।

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