जीवनी/आत्मकथा >> बाल गंगाधर तिलक बाल गंगाधर तिलकएन जी जोग
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आधुनिक भारत के निर्माता
Bal Gangadhar Tilak by N G Jog
प्रस्तुत पुस्तकमाला
इस पुस्तकमाला का उद्देश्य भारत के उन पुत्रों और पुत्रियों की जीवनियां प्रकाशित करना है, जिनका हमारे राष्ट्रीय पुनरुत्थान एवं स्वाधीनता संग्राम में प्रधान योगदान रहा है।
यह अत्यन्त आवश्यक है कि हमारी वर्तमान तथा आने वाली पीढ़ियों के लिए इन महान स्त्री-पुरुषों की जानकारी सहज सुलभ हो। खेद का विषय है कि कुछ अपवादों को छोड़कर, ऐसे महापुरुषों की प्रामाणिक जीवनियां उपलब्ध नहीं हैं। प्रस्तुत पुस्तक माला इसी अभाव की पूर्ति की दिशा में एक प्रयास है। हमारा विचार है कि अपने इन विख्यात नेताओं के सरल-संक्षिप्त जीवन-चरित अधिकारी विद्वानों से लिखवाकर प्रकाशित करें। इस माला की पुस्तकों में से प्रत्येक दो-तीन सौ पृष्ठों की होंगी।
व्यावहारिक कठिनाइयों के कारण यह सम्भव है कि हम ऐतिहासिक कालक्रम का पालन न कर सकें। तथापि, हमें पूर्ण विश्वास है कि शीघ्र ही इस पुस्तकमाला में राष्ट्रीय महत्व के सभी यशस्वी व्यक्तियों के जीवन-चरित सुलभ हो जाएंगे। श्री आर० आर० दिवाकर इस पुस्तकमाला के प्रधान सम्पादक हैं।
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- अध्याय 1. आमुख
- अध्याय 2. प्रारम्भिक जीवन
- अध्याय 3. शिक्षा-शास्त्री
- अध्याय 4. सामाजिक बनाम राजनैतिक सुधार
- अध्याय 5 सात निर्णायक वर्ष
- अध्याय 6. राष्ट्रीय पर्व
- अध्याय 7. अकाल और प्लेग
- अध्याय ८. राजद्रोह के अपराधी
- अध्याय 9. ताई महाराज का मामला
- अध्याय 10. गतिशील नीति
- अध्याय 11. चार आधार स्तम्भ
- अध्याय 12. सूरत कांग्रेस में छूट
- अध्याय 13. काले पानी की सजा
- अध्याय 14. माण्डले में
- अध्याय 15. एकता की खोज
- अध्याय 16. स्वशासन (होम रूल) आन्दोलन
- अध्याय 17. ब्रिटेन यात्रा
- अध्याय 18. अन्तिम दिन
- अध्याय 19. व्यक्तित्व-दर्शन
- अध्याय 20 तिलक, गोखले और गांधी
- परिशिष्ट