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शब्द-शब्द परमाणु

जय प्रकाश त्रिपाठी

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :208
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 16195
आईएसबीएन :978-1-61301-732-6

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शस्त्र का अर्थशास्त्र और तीसरा विश्वयुद्ध : शब्द-शब्द परमाणु

हमारे पुरखे और बड़े-मनीषी कह गए हैं, जीवन एक युद्ध-स्थल है। जीवन भी एक युद्ध जैसा होता है। युद्ध की बातें करते हुए हमे यह जान लेना भी जरूरी होगा कि 'जीवन जीने लायक हो, युद्ध हो ही नहीं, क्या हमे कोई ऐसी भी राह दिखा गया गया है'? आज भी जो हमें राह दिखा रहे, वे हर ख़ासोआम से ज्यादा गमगीन हैं, अपने-अपने समय के सच से विचलित, किंकर्तव्यविमूढ़ हैं कि किधर जाएं, किस राह ले जाकर हिफ़ाजत से सहेज ले जाएं विश्व मानवता को, आने वाली सदियों के लिए। संभव हो पाएगा क्या? उत्तर दैत्यों के दिमाग में विश्राम पर है। 'छोटे अमीरों के लिए एक क़सीदा' पढ़ते हुए निकानोर पार्रा के शब्द कहते हैं-

'अगर आप छोटे अमीरों की जन्नत में
दाख़िल होना चाहते हैं
तो आपको कला के लिए कला की राह से जाना होगा
और ढेर सारा थूक गटकना होगा
इस शागिर्दगी का लगभग ओर-छोर ही नहीं है

किस काम को कैसे अनजाम देना है
यह उन इल्मों की सीखने की एक फ़ेहरिस्त है
अपनी नेकटाई को ख़ूबसूरती से बान्धिए
मसरफ़ के आदमी को अपना कार्ड थमाइए
पहले से चमकते जूतों पर पॉलिश कीजिए
वेनिश के शीशे से मशवरा कीजिए
ब्राण्डी के एक पैग को ऊपर उछालिए
वाइला और वायलिन का फ़र्क बताइए
अपने पैजामे में मेहमानों की अगवानी कीजिए
अपने बालों को गिरने से बचाइए
और ढेर सारा थूक गटक लीजिए

बेहतर है कि आपकी किट में सब कुछ हो
अगर आपकी बीवी किसी पर मरती हो
हमारे कुछ मशवरें नीचे दर्ज़ हैं
रेज़र ब्लेड से दाढ़ी बनाइए
क़ुदरत की ख़ूबसूरती की तारीफ़ कीजिए
कागज़ के पन्ने को गुमेच दीजिए
फ़ोन पर लम्बी-लम्बी गुफ़्तगू कीजिए
पॉपगन से डार्ट फेंकिए
अपने दाँतों से नाखून साफ़ कीजिए
और ढेर सारा थूक गटक लीजिए

अगर आपको जलसों में जलवा बिखेरना है
छोटे अमीरों को यह इल्म होना चाहिए
कि चौपाये किस तरह चलते हैं
किस तरह एक ही वक़्त में हँसते और छींकते हैं
किस तरह खाई की छोर पर वाल्ट्ज नृत्य करते हैं
किस तरह देते हैं कामाँगों को चुनौती
आईने के सामने कपड़े उतारते हैं
पेंसिल से गुलाब का बलात्कार करते हैं
और टन भर थूक किस तरह गटकते हैं

और इस सबके बाद हम फिर पूछ सकते हैं
क्या ईसामसीह कुछ बुर्जुआ थे
हमने जैसे देखा कि अगर आप
छोटे अमीरों की जन्नत में पहुँचना चाहते हैं
तो आपको निपुण कलाबाज़ बनना होगा
जन्नत में दाख़िल होने के लिए
आपको हैरतंगेज़ कलाबाज़ बनना होगा

वह सच्चा कलाकार कितना सही होगा
जो ख़ुद की ख़ुशी के लिए खटमल मारता होगा

इस मकड़जाल से बचने के लिए
मेरा मशवरा है: आज़ादी से काम करो।'

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    अनुक्रम

  1. अनुक्रमणिका
  2. अनुक्रमणिका

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