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जीवन कथाएँ >> राग-अनुराग

राग-अनुराग

रविशंकर

प्रकाशक : राजकमल प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :308
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 16100
आईएसबीएन :9789390971640

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रज़ा फ़ाउण्डेशन ने हिन्दी लेखकों और कलाकारों की सुशोधित विस्तृत जीवनियाँ लिखाने और प्रकाशित कराने का प्रोजेक्ट बनाया है और उस पर काम चल रहा है : कई जीवनियाँ इस क्रम में प्रकाशित हो गयी हैं। भारत के मूर्धन्य कलाकारों में से बहुत कम ने अपनी आत्मकथाएँ लिखी हैं। इनमें चित्रकार, संगीतकार, रंगकर्मी, नर्तक आदि शामिल हैं। पुस्तकमाला में ऐसी आत्मकथाओं को हम हिन्दी अनुवाद में प्रस्तुत करने का प्रयत्न करते रहे हैं। पण्डित रविशंकर की यह अधूरी आत्मकथा, बाङ्ला से अनूदित, प्रस्तुत करते हमें प्रसन्‍नता है। एक महान् संगीतकार होने के साथ-साथ उनका बहुत बड़ा योगदान भारतीय शास्‍त्रीय संगीत को विश्व संगीत में मान्यता और उचित स्‍थान दिलाने का बेहद सर्जनात्मक प्रयत्न रहा है।

— अशोक वाजपेयी

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