कविता संग्रह >> लेख लिखे माटी ने लेख लिखे माटी नेदेवेन्द्र सफल
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देवेन्द्र सफल का गीत-संग्रह
अनुक्रम
1. हम सूरज के ध्वजवाहक हैं
2. चारों ओर लगे हैं पहरे
3. आखें पथराई
4. लौट चलो अपने अतीत में
5. दिन कटते गिन-गिन
6. बदल गये रिश्ते
7. बाँधे हाथ बने दरबारी
8. अनुनय का कुछ मोल नहीं है
9. कल क्या होगा
10. फूल मसले जा रहे
11. कुछ भी कहना ठीक नहीं है
12. एक अबूझी प्यास सताये
13. खरे भी खोटे हैं
14. पत्थरों - वाले घरों में
15. गुम हुये उत्तर
16. मुखर कबीर हुये
17. अक्ल भी हैरान है
18. टपक रहा छप्पर
19. उनको बीन बजाना आता
20. खेत पड़े परती
21. कैसी अंधी दौड़
22. मुन्नी हुई सयानी
23. कुछ तो काम मिला
24. न्याय के घर पैरवी की
25. जटिल विधान रचा
26. सब चेहरे पहचाने हैं
27. मुट्ठी में नई सदी
28. तोते रामायण बाँचें
29. रधिया रोकर बतलाये
30. कैसे इनके पैमाने हैं
31. फिर भरने होंगे नये रंग
32. उन्हें कहाँ फुरसत है
33. बिकने को तैयार नहीं है
34. चारों ओर गंध बारूदी
35. एक पाँव पर खड़े हुये हैं
36. जाल फैले प्रपंचों के
37. देव-दनुज की सोच एक है
38. उत्तर कब लिखते
39. ढहते रहे कगारे
40. अभी परीक्षायें बाकी हैं
41. मन बड़ा चंचल
42. समीकरण बदले
43. पंछी से पहले जग जाती
44. समझ गई नारी
45. दूषित हुई नदी
46. राजनीति के आका
47. दुर्लभ लगती दाल
48. राजा जी अन्धे
49. काम न करे दुआ
50. सूख गई है काया
51. भूले गाँव-शहर
52. मन के बन्द किवाड़
53. भड़क रहे उन्मादी शोले
54. मौन साधे बैठे दर्पण
55. फाइल में दबे सवाल
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