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मिस आर - आरंभ

दिशान्त शर्मा

प्रकाशक : भारतीय साहित्य संग्रह प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :144
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 15962
आईएसबीएन :978-1-61301-699-2

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भारत  की  पहली  महिला  सुपर हीरोइन ‘मिस -आर' जो खुद एक बलात्कार पीड़िता और एसिड पीड़िता है लेकिन उसकी ‘औरा पावर’ ने उसे एक नया अवतार दिया है। वो खुद की और लोगों की मदद करना चाहती है...

“कैसी शरारतें पापा?”

“बेटा जब हम अपनी पढ़ाई के तीसरे साल में थे, तब तक थामस बायो में महारत हासिल करने लगा था। एक बार हमारे जोशी सर, जो कि बायोलाजी पढ़ाते थे, परेशान से घूम रहे थे। पूछने पर पता चला कि उनके रिसर्च वर्क के पेपर उनकी दराज से गायब थे, उन्होंने इसकी शिकायत की, पूरे कालेज की जाँच भी हुई लेकिन चोर नहीं मिला। 10 दिन बाद पूरे रिसर्च वर्क के पेपर दराज में वापस आ गये और वो भी कई सुधारों के साथ। जोशी सर की इस सुधारी हुई रिसर्च को अवार्ड भी मिला, हालांकि उसमें हुए सुधार की बात को उन्होंने कभी नहीं कबूला। खैर... अब मैं तुम्हें असल बात बताता हूँ। थामस हमेशा जोशी सर को पसंद करता था क्योंकि उनकी बदौलत ही थामस का मन बायोलाजी में लगा था और उसने महारत भी हासिल की थी। थामस को पता था कि जोशी सर अपने रिसर्च वर्क में कठिनाई महसूस कर रहे थे तो उसने मेरे साथ मिलकर ही उनकी दराज से पेपर चुराए थे ताकि उनकी मदद हो सके। थामस ने उनकी रिसर्च की कमियों को 8 दिन में ही दूर कर दिया था और उसके बाद हमने उन्हें वापस असली जगह पर रख दिया था, यह एक तरह से थामस की जोशी सर के लिए गुरू दक्षिणा थी।

“पापा अब मुझे भूख लग रही है। मैं जाकर रसोई में कुछ अच्छा-सा बनाती हूँ, बाद में हम थामस अंकल की और बातें करेंगे।” यह कहकर कैथरीन रसोई की तरफ चली गई। मि. जेसन सोफे पर ज्यादा सहारा लेकर बैठ गये और छत की तरफ एकटक देखने लगे। मि.जेसन की आँख से एक आँसू निकला जो उनके कान की तरफ लुढ़क गया। उन्होंने रूमाल से आँसू पोंछे और चेहरे पर हल्की मुस्कुराहट लाने की कोशिश की ताकि कहीं कैथरीन उस आँसू और उसके पीछे के दुख को न देख ले।

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    अनुक्रम

  1. अनुक्रमणिका

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