भाषा एवं साहित्य >> दिवोदास दिवोदासराहुल सांकृत्यायन
|
0 |
दो शब्द
‘दिवोदास’ लिखने का ख्याल बहुत वर्षों से था। मेरे ऋग्वैदिक आर्य ग्रंथ को इस ग्रंथ की बड़ी भूमिका समझिये। इसलिए यहाँ बहुत लिखना नहीं चाहता। स्वास्थ्य के कारण मुझे कार्य को कर डालने का ख्याल हुआ। इसलिए लघु उपन्यास लिखना पड़ा।
ऋग्वेद-काल की घटनाएँ उपन्यास का विषय हो सकती हैं – शंबु-विजय और दाशराज्ञ-युद्ध, शंबर-विजय आदि के रूप में दिवोदास के पुत्र सुदास के समय आर्यों के भीतर दाशराज्ञ का गृहयुद्ध हुआ। हो सका तो आगे लिखूँगा।
– राहुल सॉकृत्यायन
3-7-61
डाबर भवन, कलकत्ता
अनुक्रम
- सात पुरियों का ध्वंस
- सरस्वती-तीर
- अश्व-समन
- भरद्वाज-कुल
- दिवोदास राजा
- गंधर्व-गृहीता कुमारी
- भुज्यु की रक्षा
- अतिथि गुह (महान् अतिथिसेवी)
- अबला सेना
- पूर्वज पितर
- सारथी कुत्स आर्युनेर
- ऋजिश्वा का युद्ध
|