नई पुस्तकें >> धरा के सितारे - चन्द्रशेखर आजाद धरा के सितारे - चन्द्रशेखर आजादगुरु प्रकाश तिवारी 'सरस'
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चन्द्र शेखर आजाद के जीवन पर खण्ड-काव्य
अपनों से अपनी बात
मेरे प्रिय पाठकों,
मैं आपकी सेवा में धरा के सितारे नामक खण्ड काव्य प्रस्तुत कर रहा हूँ यह खण्ड काव्य आजाद के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित चार सर्गों में है।
प्रथम सर्ग में आदर्श भारत की गरिमा व जगत-गुरू की प्रभुता का वर्णन प्रस्तुत किया गया है। द्वितीय सर्ग में क्रान्तिवीर चन्द्र शेखर आजाद के जीवन का चरित्र चित्रण तथा उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व का वर्णन प्रस्तुत किया गया है। तृतीय सर्ग में क्रान्तिवीर आजाद का मित्र मण्डली के साथ परतन्त्र भारत को स्वाधीन कराने के लिए विगुल फूँका गया है साथ ही अल्फ्रेड पार्क का वह महासमर जिसका कि गवाह केवल माऊजर ही रहा है, दर्शाया गया है इसी सर्ग में आजाद की जीवन लीला समाप्ति का वर्णन भी है। चतुर्थ सर्ग में स्वाधीन हिन्द का वर्णन प्रस्तुत किया गया है।
खण्ड-काव्य में कुल 451 वन्द हैं। काव्य अपनी विधा, अलंकारों व विभिन्न रसों से ओत-प्रोत है। लेकिन मुख्य रूप से वीर रस की प्रधानता है।
यह मेरी तृतीय पुष्प कृति है इसके पूर्व नव रश्मि (काव्य संग्रह) 1996 ई., मेरे मन के मीत (काव्य संग्रह) 2017 ई. में प्रकाशित हो चुके हैं।
पुस्तक की भाषा सरस व सरल हो इसका काफी प्रयास किया गया है, लेकिन फिर भी यत्र-तत्र शुद्ध व परिमार्जित हिन्दी के शब्दों की प्रमुखता भी है।
अन्त में मैं अपने उन इष्ट मित्रों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करता हूँ जिन्होंने इस पुस्तक के प्रकाशन हेतु अपना अमूल्य शुभाशीर्वाद रूपी सहयोग व ढेर सारी अपेक्षाएं व्यक्त की हैं। साथ ही पाठकगण इस पुस्तक को पढ़कर अपनी समालोचना यदि प्रेषित करेंगे तो मैं उनका आभारी रहूँगा।
आपका
गुरु प्रकाश तिवारी 'सरस'
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