स्वास्थ्य-चिकित्सा >> किशोर रक्षा और ब्रह्मचर्य किशोर रक्षा और ब्रह्मचर्यपं. रवीन्द्र शास्त्री वैद्य
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प्रस्तुत संस्करण
किशोर रक्षा और ब्रह्मचर्य का प्रस्तुत संस्करण प्रकाशित कर वाचकों के सामने रखते हुए अत्यन्त हर्ष हो रहा है। आज हमारे राष्ट्र का नव-निर्माण हो रहा है। इस नयी इमारत की नींव हमारे तरूण ही हैं। इसलिए हर माँ-बाप का यह कर्तव्य है कि वह अपनी सन्तान को कुटेवों से बचने और ब्रह्मचर्य से रहने की शिक्षा दें। शिक्षकों का भी कर्तव्य है कि वे अपने छात्रों के लिये ऐसी शिक्षा की पूरी सुविधा प्रस्तुत कर दें। यह पुस्तक इस कार्य में कहाँ तक सहायक सिद्ध हुई है, इसका प्रत्यक्ष प्रमाण इस पुस्तक का यह संस्करण ही है।
वर्तमान समय के बालक, ब्रह्मचर्य किस वस्तु का नाम है, यह भी नहीं जानते। बल्कि दुर्भाग्यवश छोटे-छोटे बालकों में अनेक बुरी आदतें संक्रामक रोगों की तरह तीव्रगति से फैलती ही जा रही है। इन बुराइयों से बालकों को बचाने के लिए हमने यह पुस्तक लिखवाई है और प्रकाशित की है। 10-12 वर्ष की उम्र के बालकों को यह पुस्तक अवश्य पढ़नी चाहिए।
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