नई पुस्तकें >> वतन तेरे लिये वतन तेरे लियेसाजिद हाशमी
|
0 |
देश मक्ति के गीत व कवितायें
गूगल बुक्स में प्रिव्यू के लिए क्लिक करें
कुछ अपनी
यह पुस्तक दिल की ज़मीं पर लहलहाती रचना है जो अपने देश की मिट्टी में परवान चढ़ी है, जिसमें कुछ ख़याल, कुछ भावनाएं और कुछ अपनापन पिरोने की अदना सी कोशिश की है मैंने, आप के हुज़ूर इस आशा के साथ रख रहा हूँ कि, आप से मुझे सम्बल मिलेगा।
मेरी कल्पना में एक हिन्दुस्तान बसता है जो सबसे अलग और सबसे न्यारा है, बस मैं उसी हिन्दुस्तान को साकार करना चाहता हूँ, साहित्यकार अपना काम करता है और राजनेता अपना, मुझे अपने पाठकों का साथ मिलेगा ऐसी आशा है।
जहाँ तक ख़यालों के हक़ीक़त में बदलने की बात है, अपने बड़े भाई जनाब ज़ाहिद हाशमी साहब, जनाब डा. क़मर अली साहब, जनाब के. के. कुरेशी ‘नाज़ाँ’ साहब के साथ सभी दोस्तों का शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ जिन्होंने मुझे हमेशा सहयोग और दुआओं से नवाज़ा है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त शायर जनाब विजय तिवारी साहब का हृदय से आभारी हूँ ।
मैं आदरणीय राजेन्द्र तिवारी जी का आभार प्रकट करता हूँ जिन्होंने अपनी अमूल्य राय इस पुस्तक पर देकर इसे गरिमा प्रदान की।
मैं आभारी हूँ श्री अम्बरीश शुक्ला जी का जिन्होंने इसे प्रकाशित कर पुस्तक रूप दिया और मेरे स्वप्न को साकार किया।
आशा है देश की मिट्टी की महकार सभी को पसन्द आएगी।
सादर,
- साजिद हाशमी
|