लोगों की राय

कविता संग्रह >> गीले पंख

गीले पंख

रामानन्द दोषी

प्रकाशक : आत्माराम एण्ड सन्स प्रकाशित वर्ष : 1959
पृष्ठ :90
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 15364
आईएसबीएन :0

Like this Hindi book 0

श्री रामानन्द 'दोषी' के काव्य-संग्रह ‘गीले पंख' में 33 कविताएं हैं…

प्रकाशकीय

श्री रामानन्द 'दोषी' के काव्य-संग्रह ‘गीले पंख' को पाठकों के हाथ में सौंपते हुए हमें प्रसन्नता हो रही है। प्रकाशक के नाते हमारा कर्तव्य है कि हम नये दौर के प्रतिनिधि कवियों और उनके काव्यों से पाठकों को परिचित कराएँ। 'गीले पंख' के कवि श्री रामानन्द 'दोषी' में आज की प्रचलित कई काव्य-धाराओं का जो सहज समन्वय जिस खूबी से है, वह हमारी सिफ़ारिश की अपेक्षा नहीं रखता। उसे आवश्यकता है केवल आपके स्नेह-सम्बल की ।

प्रस्तुत पुस्तक में प्रत्येक कविता के साथ उसका भाव-चित्र भी दिया गया है जिससे पुस्तक के सौन्दर्य की अभिवृद्धि हुई है। यह निर्विवाद सत्य है कि चित्रों से पुस्तक में एक नवीन आकर्षण उत्पन्न हो जाता है । इसलिये अपने अनुभव के आधार पर इतना हम निस्संकोच कह सकते हैं कि पाठक कवि की लेखनी के साथ चित्रकार की तूलिका के इस गठबन्धन का स्वागत करेंगे।

आशा है जिस समादर की यह पुस्तक अधिकारिणी है, वह इसे प्राप्त होगा ।

प्रथम पृष्ठ

विनामूल्य पूर्वावलोकन

Prev
Next
Prev
Next

लोगों की राय

No reviews for this book