वास्तु एवं ज्योतिष >> लाल किताब लाल किताबकिसनलाल शर्मा
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ज्योतिष, हस्तरेखा विज्ञान और सामुद्रिक शास्त्र का अद्भुत समन्वय
यह भविष्य-कथन की चमत्कारी विद्याओं द्वारा दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलने वाला अद्भुत ग्रंथ है।
पारंपरिक ज्योतिष थोड़ा जटिल है। इसमें जन्मतिथि, समय तथा गणितीय आकलन का सर्वाधिक महत्व होता है। इसके अभाव में फलकथन नहीं किया जा सकता। लेकिन ‘लाल किताब' जन्मतिथि एवं समय का ज्ञान न होने पर भी मात्र हस्तरेखाओं द्वारा कुण्डली का निर्माण कर भूत, भविष्य और वर्तमान की घटनाओं का उद्घाटन करने में सक्षम है।
‘लाल किताब' वस्तुतः भगवान सूर्य के सारथी अरुण द्वारा लंकापति रावण को दिए गए अद्भुत एवं चमत्कारी ज्ञान का भंडार है, जिसे प्राचीन भारतीय ग्रंथों में ‘अरुण संहिता' के नाम से जाना जाता है। सर्वप्रथम, अरबी-फारसी भाषा में अनूदित की जाने वाली इस ‘लाल किताब' का प्रथम हिंदी रूपांतर अत्यंत सरल भाषा-शैली में आपके समक्ष प्रस्तुत है। यह फलित ज्योतिष, सामुद्रिक तथा हस्तरेखा शास्त्र का अनूठा समन्वय है।
प्रस्तुत ग्रंथ मानव-जीवन के विभिन्न पहलुओं-विवाह, संतान, भवन, यात्रा, धन-दौलत, रोग-व्याधि तथा आयु संबंधी विभिन्न समस्याओं का समाधान करता है। साथ ही सुख-समृद्धि, व्यापार-व्यवसाय एवं धन-संपदा आदि के सरल-सस्ते टोटके और उपाय भी प्रस्तुत करता है। इसके अलावा अनिष्ट ग्रहों का निदान, ग्रहों को अनुकूल बनाने के उपाय, नवग्रहों की शांति तथा सबल और निर्बल ग्रहों के विशेष उपाय भी दिए गए हैं।
उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करने में सहायक है-यह उत्कृष्ट पुस्तक।
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- लाल किताब के सिद्धान्त
- राशियों का ग्रहों से संबंध
- कुंडली में ग्रहों का वास
- हर ग्रह से संबंधित मकान
- द्वादश भावगत ग्रहों का फल
- अनिष्ट ग्रहों का निदान
- ज्योतिष शास्त्र के मूल मंत्र
- ग्रहों की उपयोगिता
- ऋण से बंधा जातक
- ग्रहों के खानों का प्रभाव
- नवग्रहों का मेला
- ग्रहों के अनुसार वर्षफल
- संयुक्त ग्रहों के परिणाम
- लाल किताब की दृष्टि में घरों का फल
- साझे ग्रहों का असर
- संयुक्त ग्रह और आयु
- कुण्डली का ज्ञान
- ग्रह और वर्षफल
- संयुक्त ग्रहों के फल
- संतान दोष तथा संतान योग
- ग्रहों को अनुकूल बनाने के उपाय
- मंगलीक फल
- सहायता के लिए उपाय
- ग्रहों के दुष्प्रभावों का अंत
- नवग्रहों की शांति
- सबल और निर्बल ग्रहों के विशेष उपाय
- लाल किताब पर आधारित चमत्कारी टोटके
- विशेष प्रयोगों से अनिष्ट ग्रह निवारण